डीएम अमन समीर इन दिनों एक्शन में दिख रहे हैं। मंगलवार देर रात उन्होंने छपर के सरकारी अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ जिले के वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस बल भी मौजूद रही। डीएम ने अस्पताल पहुंचते ही आपातकालीन वार्ड के पास खड़ी दो निजी एंबुलेंस पर सख्त एक्शन लेने का आदेश दिया। पुलिस ने दोनों एंबुलेंस को जब्त कर लिया है।
जागरण संवाददाता, छपरा। छपरा सदर अस्पताल परिसर में मंगलवार की देर रात उस वक्त अफरातफरी मच गई जब अचानक डीएम अमन समीर वरीय अधिकारियों और पुलिस के साथ अचानक अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंच गए।
डीएम ने अस्पताल पहुंचते ही अधिकारियों को आपातकालीन वार्ड के पास खड़े एंबुलेंस की जांच करने के निर्देश दिए। इसके बाद वार्ड के मुख्य गेट के पास लोगों से पूछताछ करनी शुरू कर दी।
इस दौरान तीन लोगों को हिरासत में लेकर भगवान बाजार थाने की पुलिस को सुपुर्द किया गया, जबकि दो एंबुलेंस को भी पकड़ा गया है।
बाजार में सरकारी दवाओं की बिक्री पर एक्शन
मिली जानकारी के अनुसार, बाजार में सरकारी दवाओं की बिक्री हो रही है। इसकी जानकारी तब हुई, जब गुप्त सूचना के आधार पर ड्रग्स इंस्पेक्टर ने अमनौर के सलखुआ में छापेमारी की। इसके बाद दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया।
यह मामला ऊपर तक पहुंचा। इसके बाद डीएम हरकत में आए। उन्होंने सरकारी दवा के बाजार में बिक्री होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर अंकुश लगाने को लेकर खुद ही कमान संभाल लिया है।
डीएम ने अस्पताल के सभी विभागों की जांच करने के साथ-साथ सभी उपलब्ध दवाओं के संबंध में जानकारी ली और कई दिशा निर्देश दिए।
अस्पताल परिसर में दो निजी एंबुलेंस की जांच की गई, इसमें एक में त्रुटि मिली। उस पर जिला परिवहन पदाधिकारी राजीव रंजन के द्वारा जुर्माना लगाया गया, जबकि दूसरे एंबुलेंस को भगवान बाजार थाने में लगाया गया है। उसकी जांच थाना स्तर पर की जा रही है।
जिलाधिकारी के आदेश पर जिन तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्हें पूछताछ के लिए भगवान बाजार थाने में ही रखा गया है।
आखिर कैसे सरकारी दवा मिल रही है, बाजार में
कई ऐसी दवाएं हैं, जिसे जहरीली शराब बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इसे लेकर पुलिस द्वारा एक अभियान भी चलाया जा रहा है।
दूसरी तरफ जिला प्रशासन द्वारा भी फार्मेसी की दुकानों की जांच की जा रही है। इस दौरान जो जानकारी निकल कर सामने आई, वह सरकारी अस्पतालों की कलई खोलने के लिए काफी है। जो सरकारी दवाएं गरीबों के लिए अस्पताल में निशुल्क उपलब्ध होता है, उसे स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा चोरी छिपे बाहर के दुकानों में बिक्री की जा रही है।
यह उस काउंटर से हो रहा है जहां हर चीज का रजिस्टर होता है। दवा काउंटर पर सीसीटीवी कैमरा लगा रहता है। काउंटर के भीतर वही लोग प्रवेश करते हैं जो अधिकृत रहते हैं।
इसके बावजूद सदर अस्पताल से लेकर ग्रामीण पीएचसी, सीएचसी से दवा का हेरा फेरी होना स्वास्थ्य कर्मियों पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है।
सदर अस्पताल में दवा काउंटर के भीतर लगती है भीड़
छपरा सदर अस्पताल के ओपीडी के पुराने दवा काउंटर के भीतर अक्सर अनाधिकृत लोग प्रवेश करके बैठे रहते थे। इसका एक वीडियो भी प्रसारित हुआ था।
इसमें दवा काउंटर के प्रबंधक की कमी साफ-साफ दिखती है।
दवा काउंटर पर डाक्टर के लिखे पर्ची के अलावा किसी को कोई दवा देना नियम के खिलाफ है। इसके बावजूद कैसे इतनी मात्रा में दवा का कालाबाजारी चल रहा है।
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