दीपों के पर्व पर लाखो रुपये के जले पटाखे, दीपावली पर जगमग रहा शहर से लेकर गांव; लेखा-बही की हुई पूजा
Chhapra News बिहार में बच्चों से लेकर बड़ो तक ने प्रकाश पर्व दीपावली को पूरी आस्था व उत्साह के साथ मनाया। गांव से लेकर शहर तक जगमग नजर आए। इस वर्ष दीपावली में रविवार को लाखों रुपये के पटाखे जलाए गए। एक अनुमान से करीब 97 लाख से अधिक का पटाखा सिर्फ दीपावली के दिन जल गए। महिलाओं ने घरों व उसके आस-पास के मंदिरों में जाकर दीप जलाया।
By Amritesh KumarEdited By: Aysha SheikhUpdated: Mon, 13 Nov 2023 03:05 PM (IST)
जागरण संवाददाता, छपरा। प्रकाश पर्व दीपावली रविवार को पूरे आस्था व उत्साह के साथ ग्रामीण अंचल से लेकर शहर तक मनाया गया। शाम ढ़लने के साथ ही पूरा शहर असंख्य दीपों एवं रंगबिरंगे बिजली के झालरों की रोशनी से जगमगा उठा। सूर्यास्त के साथ उल्लास सारी रात उमंगों के साथ अठखेलिया करता रहा।
एक ओर सुख -समृद्धि के लिए लक्ष्मी, गणेश व कुबेर की पूजा की गई तो दूसरी और आतिशबाजी का भी नजारा मन को लुभा गया। पूजन सामग्री, मिष्ठान, घरौंदा, लाई, बतासा, कुल्हीया-चुकिया आदि की दिनभर खरीदारी होती रही।
महिलाएं घर में व पुरूष सदस्य बाजारों में जाकर दीपावली की तैयार में लगे रहे। शाम होते ही महिलाएं, पुरूष व बच्चे साफ-सुथरा कपड़ा पहन कर दीप जलाए व पूजा-अर्चना की तैयारी में जुट गए।
घरों व मंदिरों में भी जलाया गया दीप
महिलाओं ने घरों व उसके आस-पास के मंदिरों में जाकर दीप जलाया। घर की महिलाओं ने भगवान की प्रतिमा का दर्शन कर उनको दीप समर्पित किया। फिर गोधुली बेला के बाद शुभ मुहूर्त में अंधेरे के कदम रखते ही रोशनी की चकाचौंध से समूचा शहर जगमगा उठा।
उल्लास के दीपों से घर, आंगन, के साथ ही गालियों व सड़कें भी रोशन हो उठा। मंदिरों में दीप दान करने के लिए श्रद्धालु महिला व पुरुषों की भीड़ लगी रही। लोगों ने पहले भगवान को दीप दान किया, उसके बाद घर में बने पूजा स्थान पर दीप जलाया।
शुभ मुहूर्त में की गई पूजा-अर्चना
दीपावली के दिन घरों में लोगों ने शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश व कुबेर की पूजा- अर्चना की। वृष लग्न में घर के बड़े बुजुर्ग ने परंपरा के अनुसार सुख समृद्धि व ऐश्वर्य प्राप्ति की कामना को लेकर पूजा की।
षोडशोपचार पूजा करने के बाद मां लक्ष्मी व गणेश जी की आरती की गई। आरती में घरों के सभी सदस्यों ने भाग लिया। घरों के अलावा दुकानों में पूजा -अर्चना की गई। पंडित अनित शुक्ल ने बताया कि अधिकांश व्यापारी ने स्थिर लक्ष्मी की कामना के लिए सिंह लग्न में पूजा -अर्चना की।
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