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Bihar News: शराब जहरीली कैसे हो जाती है? किस केमिकल ने ले ली बिहार के 48 लोगों की जान; छीन ली आंखों की रोशनी

बिहार में जहरीली शराब से कोहराम मच गया है। इस जानलेवा शराब से अब तक 48 लोगों की मौत हो गई है। अब सवाल उठ रहा है कि आखिर शराब जहरीली बनाई जाती है या किसी गलती की वजह से यह जहरीली हो जाती है। तो जान लीजिए कि शराब जहरीली नहीं बनाई जाती बल्कि बिना फॉर्मूला जाने इसके निर्माण से यह जहरीली हो जाती है।

By bhupendra singh Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Fri, 18 Oct 2024 12:46 PM (IST)
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खतरनाक केमिकल की वजह से शराब हो जाती है जहरीली (जागरण)

जागरण संवाददाता, छपरा। शराब बंदी के बाद चोरी छुपे शराब की बिक्री होने पर अधिक मुनाफा के लिए नकली शराब बनती है और धड़ल्ले से बिकती भी है, लेकिन जब पीने वाले लोगों की मौत होती है तो जहरीली शराब की चर्चा होती है। खास सवाल यह है कि आखिर शराब जहरीली कैसे हो जाती है?

एक गलती और शराब बन जाती है जहरीली

पहले सरकारी ठेके पर मिलने वाली देसी शराब की सप्लाई डिस्टिलरी प्लांट से होती थी। उसे खास तापमान में डिस्टिल्ड कर बनाया जाता है, ताकि केवल एथाइल एल्कोहल (ऐथेनाल) आए। यह पीने वाले व्यक्ति को केवल नशा करता है। कच्ची या नकली शराब बनाने के लिए कई तरह के घातक रसायन का इस्तेमाल किए जाने की खबरें मिलती हैं। इसमें कोई नियत तापमान नहीं होता।

उससे एथाइल के साथ मिथाइल, एथाइल, प्रोपाइल आदि एल्कोहल भी शराब में शामिल हो जाते हैं। मिथाइल सबसे ज्यादा खतरनाक एल्कोहल होता है। इसका सबसे ज्यादा असर आंखों एवं दिमाग पर पड़ता है। यह लिवर को भी प्रभावित करता है। इसके के सेवन से व्यक्ति के आंखों की रोशनी चली जाती है और उनकी मौत हो सकती है।

उत्पाद विभाग के सहायक आयुक्त केशव झा के अनुसार मिथाईल अल्कोहल तथा इथाईल अल्कोहल देखने में रंग व गंध से सदृश होते हैं। ईथाइल अल्कोहल का उपयोग शराब बनाने में नशे के लिए होता है, जबकि मिथाईल अल्कोहल काफी जहरीला होता है और इसका उपयोग ज्यादातर पेंट तथा प्लाईवुड इंडस्ट्रीज के अलावा सॉल्वेंट, डिआइसर (बर्फ पिघलाने वाला सॉल्यूशन) सहित प्लास्टिक, पॉलिएस्टर और दूसरे केमिकल के निर्माण में होता है। गलती से इथाइल की जगह अगर मिथाइल से शराब बन गया तो वह घातक हो जाता है। बनाने वाले को रंग व गंध देखकर पता ही नहीं चलता है कि यह जहरीली है या सामान्य स्प्रिट है।

मानव शरीर पर इसका असर 

चिकित्सकों के अनुसार मिथाईल अल्कोहल दिमाग की कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। इससे शरीर में सुन्न और अंधेपन की समस्या आती है। इसकी अधिक मात्रा या ज्यादा समय तक इस्तेमाल मौत का कारण बनता है। मानव शरीर में जाते ही लीवर इसे मेटाबॉलाइज करता है जिससे फार्मेल्डिहाइड बनता है। इससे मानव शरीर के लिए घातक रसायन बन जाता है। 

बताएं कि शराब की बिक्री एवं इसके सेवन को रोकने के लिए बिहार सरकार ने वर्ष 2016 में शराबबंदी अधिनियम लागू करने के बाद कई स्तर पर कार्रवाई शुरू की। शराब तस्करी के कांड में लोग गिरफ्तार होकर जेल जा रहे हैं और उनके वाहन जब्त कर नीलाम किए जा रहे हैं। शराबबंदी का कोई खास असर शराब की बिक्री पर नहीं दिखा है। फर्क यदि है तो इतना कि न खुलेआम काउंटर से शराब बिक रही और नहीं खुलेआम लोग शराब पी रहे।

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