Move to Jagran APP

Bihar Politics: 'लालू प्रसाद यादव' ने किया नामांकन, रोहिणी और रूडी भी इसी सीट से लड़ रहे चुनाव

सारण जिले के मढ़ौरा प्रखंड के जादो रहिमपुर निवासी लालू प्रसाद यादव चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड बना रहे हैं। सारण जिले में ये ऐसे शख्स हैं जो हर चुनाव लड़ते हैं। उन्हें आज तक किसी चुनाव में जीत भले न मिली हो लेकिन उनके चुनाव लड़ने के जज्बे में किसी तरह की कमी नहीं आई है। लालू प्रसाद यादव ने इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की है।

By Amritesh Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 26 Apr 2024 06:55 PM (IST)
Hero Image
'लालू प्रसाद यादव' ने किया नामांकन, रोहिणी और रूडी भी इसी सीट से लड़ रहे चुनाव
अमृतेश, छपरा। 46 वर्षीय लालू प्रसाद यादव ने राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी के प्रत्याशी के रूप में सारण संसदीय लोकसभा क्षेत्र से शुक्रवार को नामजदगी का पर्चा दाखिल किया। बता दें कि इसी सीट से राजद उम्मीदवार रोहिणी आचार्य और बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी भी मैदान में हैं।

लालू प्रसाद यादव ऐसे शख्स हैं जो 12 बार चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने अब 13वां चुनाव लड़ने के लिए नामांकन किया है। सारण जिले के मढ़ौरा प्रखंड के जादो रहिमपुर निवासी लालू प्रसाद यादव चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड बना रहे हैं। सारण जिले में ये ऐसे शख्स हैं, जो हर चुनाव लड़ते हैं। उन्हें आज तक किसी चुनाव में जीत भले न मिली हो, लेकिन उनके चुनाव लड़ने के जज्बे में किसी तरह की कमी नहीं आई है।

इंटरमीडिएट तक की है पढ़ाई

लालू प्रसाद यादव ने इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की है। मढ़ौरा अनुमंडल न्यायालय में ताईद हैं। इन्होंने पंचायत स्तर से चुनाव लड़ना शुरू किया था, और राष्ट्रपति तक के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया था। उन्होंने बताया कि समाजसेवा से जुड़े हैं और समाज की बेहतरी के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं, ताकि समाज के लिए कुछ कर सकें।

2001 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले लालू प्रसाद यादव ने 2006, 2009 एवं 2011 तक पंचायत का चुनाव लड़ा। तब से अब तक वह हर चुनाव में किस्मत आजमाते चले आ रहे हैं। चुनाव में पराजित होने से निराश नहीं होते हैं।

लालू प्रसाद यादव 2014 और 2019 में सारण लोकसभा से चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि, इन दोनों चुनाव में जमानत भी गंवानी पड़ी है। 2016 में सारण स्नातक निर्वाचन, 2020 में शिक्षक निर्वाचन व 2022 में त्रिस्तरीय निकाय एमएलसी का चुनाव और 2023 में फिर से स्नातक निर्वाचन का चुनाव लड़े।

राजद सुप्रीमो के खिलाफ भी लड़ चुके हैं चुनाव

2015 व 2020 में विधानसभा का भी चुनाव लड़ चुके हैं। वर्ष 2009 में वे पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुके हैं। इन्हें हर चुनाव में हार का ही मुंह देखना पड़ा है।

वर्ष 2017 में इन्होंने दिल्ली जाकर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में भी नामांकन किया था। लालू प्रसाद यादव ने नामांकन पत्र दाखिल करते हुए मतदाता के तौर पर पंजीकृत संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में अपनी प्रविष्टि की प्रति और 15 हजार रुपये जमानत राशि जमा की थी। हालांकि, इनका का नामांकन रद्द हो गया था, क्योंकि इसके लिए निर्वाचक मंडल में से 50 प्रस्तावकों और प्रस्ताव के इतने ही समर्थकों के दस्तखत की अनिवार्य शर्त होती है।

मालूम हो कि लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों की विधानसभों के निर्वाचित सदस्य राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में शामिल होते हैं।

ये भी पढ़ें- Rohini Acharya: 'लालू यादव अपनी बेटी को...', ये क्या बोल गए सम्राट चौधरी; मांझी ने भी दिया बड़ा बयान

ये भी पढ़ें- Rabri Devi: 'मेरी दोनों बेटियों को...', चुनाव के बीच राबड़ी देवी का बड़ा बयान; सियासी हलचल तेज

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।