Move to Jagran APP

Bihar Politics: लालू की नाक पर आई रूडी से रोहिणी की लड़ाई, सारण में इसबार अलग ही हिसाब-किताब; क्या होगा खेला?

Bihar News बिहार में सारण लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है। अपनी बेटी रोहिणी आचार्य को जिताने के लिए लालू यादव ने कमर कस लिया है और पटना छोड़ सारण में अपना ठिकाना बना लिया है। वह लगातार कार्यकर्ता के संपर्क में बने हुए हैं। हालांकि अब देखने वाली बात यह भी होगी कि मोदी मैजिक कितना चलता है।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Fri, 17 May 2024 08:18 AM (IST)
Hero Image
लालू यादव और रोहिणी आचार्य (जागरण फोटो)
विकाश चन्द्र पाण्डेय, छपरा। Bihar Political News: सारण की रणभूमि में दांव राजद की डा. रोहिणी आचार्य का है और कमर पिता लालू प्रसाद कसे हुए हैं। परिवारवाद की इस नई पटकथा का एक अध्याय 2014 में राबड़ी देवी की हार से जुड़ा है। अगले चुनाव में बदला लेने के लिए लालू यादव (Lalu Yadav) ने समधी चंद्रिका राय को भेजा।

लालू यादव पटना छोड़ छपरा में आ डटे

राबड़ी को पटखनी देने वाले भाजपा के राजीव प्रताप रूडी ने उनको भी धोबिया-पछाड़ देकर इस सीट पर लगातार दूसरी बार कब्जा जमा लिया। लालू को उसकी कसक आज भी है। यही कारण है कि वे पटना छोड़कर छपरा में आ डटे हैं। रोहिणी की दी किडनी से उनका जीवन चल रहा और समर्थक जीत की दुआएं देते नहीं अघा रहे।

सारण में इस बार हिसाब किताब लगाना थोड़ा मुश्किल

सारण में इस बार हिसाब-किताब लगाना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। दुआएं तो रूडी को भी खूब मिल रहीं और चाहने-मानने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी कम नहीं। सोमवार की मोदी की जनसभा में जितने नारे लगे, अगर उतने वोट भी मिल जाएं तो रूडी अपनी हैट-ट्रिक के लिए आश्वस्त हो सकते हैं।

रोहिणी को अपने पहले दांव में ही उन्हें रोकने की कठिन चुनौती है, क्योंकि बिरादरी की ठसक से वोट बिदकने लगे हैं। लालू को राजनीति में स्थापित करने वाले सारण की पहचान मधुर-मीठी भोजपुरी और खनक-खुनक अंदाज वाले लौंडा नाच से भी जुड़ी है।

पलायन और रोजगार बड़ा मुद्दा

गड़खा के मुकुल उसे पेट की पीर बता रहे, जो मरद मानुष भी जनाना भेस धरकर कमर लचकाता है! भोजपुरी में संवाद सहज है, लेकिन रोजगार नहीं। पलायन का बड़ा कारण बेरोजगारी है। प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ फसलों को बर्बाद कर जाती है और उसके बाद परदेस का आसरा होता है।

मढ़ौरा में बंद हुई चार मिलें (चीनी, शराब, लोहा, मार्टन टाफी) अब नहीं खुलने वाली। किसी ने पहल ही नहीं की। इतनी शिकायत के बाद अमनौर में जगदीशपुर के जंग बहादुर महतो चुप-सी लगा जाते हैं। छपरा में दुकानदार राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि रूडी को मजबूरी में वोट देना है, क्योंकि देश के लिए मोदी जरूरी हैं। जंगल राज को हम देख-भुगत चुके हैं। डबल इंजन की सरकार में सुशासन भी संभव है और विकास भी।

ये भी पढ़ें

Manish Kashyap: मनीष कश्यप को गालियां दे रही थी भोजपुरी गायक, फिर हथियार भी दिखाया; अब पुलिस ने लिया ये एक्शन

Bihar Politics: अनंत सिंह को छोटे सरकार क्यों कहा जाता है? ललन सिंह ने खोल दिया राज; याद दिलाई पुरानी बात

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।