ऐसे नहीं मिलेगा 4-4 लाख रुपये का मुआवजा... शराब पीकर मरने वालों के परिवारों के सामने नीतीश सरकार ने रख दी शर्त
बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों के परिवारों के सामने नीतीश सरकार ने एक शर्त रख दी है। उन्होंने मुआवजा लेने के लिए शराब न पीने की शपथ लेनी होगी। इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। यह नियम 2022 में 77 लोगों की मौत के बाद बनाया गया था।
जागरण संवाददाता, छपरा। सारण जिले में जहरीली शराब पीकर मरने वाले लोगों के आश्रितों को अनुदान के लिए शराब नहीं पीने की शपथ लेनी होगी। उसके बाद उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।
शराबबंदी 2016 के बाद से शराब पीकर मरने वालों के परिवारों को मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जा रहा है।
यह घोषणा वर्ष 2022 में सारण जिले के मशरक एवं इसुआपुर में जहरीली शराब पीकर 77 लोगों के मरने के बाद सरकार ने लिया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा के बाद पहली बार सारण जिले में शराब पीकर मरने वाले 55 लोगों के आश्रितों को मुआवजे की राशि दी गई थी।
मद्य निषेध विभाग के सहायक आयुक्त केशव कुमार झा ने ने बताया कि 2022 में शराब पीकर मरने वाले 66 आश्रितों के आवेदन को मुआवजे के लिए भेजा गया था। जिसमें से 55 लोगों को चार-चार लाख रुपये मुआवजे की राशि दी जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि जहरीली शराब से मौत की पुष्टि के बाद ही सरकार द्वारा राशि दी जाती है। सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि मुआवजे के लिए सरकार द्वारा शर्तें रखी हैं। उत्पाद विभाग में मुआवजे के लिए आश्रितों को आवेदन देना होगा।
पीड़ित परिवार को लिखकर देना होगा कि उनके परिवार का फलां-फलां सदस्य शराब पीकर मरा है। हम शराबबंदी के समर्थन में हैं, शराब नहीं पीनी चाहिए और अब हम में से कोई शराब नहीं पिएगा।
कहां देना होगा मुआवजे के लिए लिखित आवेदन
मद्य निषेध और निबंधन विभाग के नियम के अनुसार मुआवजा राशि पाने के लिए मृतक के परिजनों को एक लिखित आवेदन जिलाधिकारी को देना होगा, जिसमें यह लिखना होगा कि वे शराबबंदी के समर्थन में हैं। वे अन्य लोगों को भी शराबबंदी कानून मानने के लिए प्रेरित करेंगे।
इसके साथ ही वे जहरीली शराब से मौत के मामले में हो रही जांच में भी अपना पूरा सहयोग करेंगे। यह शपथ पत्र आवेदन के साथ जमा करना होगा।अनुग्रह अनुदान एकअप्रैल,2016 के बाद से जहरीली शराब से मरने वाले सभी मृतकों के आश्रितों को दिया जा रहा है।
मुआवजे के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट देना होगा
जहरीली शराब पीकर मरने वाले लोगों के आश्रितों को मुआवजे के लिए आवेदन के साथ पोस्टमार्टम रिपोर्ट देना अनिवार्य है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं देने वाले पर सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को मुआवजे की राशि नहीं दी जाएगी।
जहरीली शराब पीकर मरने वाले मामले में अधिकांश लोग गरीब तबके के होते हैं। वे सामाजिक एवं पुलिसिया दबाव के कारण शव का पोस्टमार्टम नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण उन्हें मुआवजा की राशि नहीं मिल पाती है।
सारण जिले में 2022से 24तक जहरीली शराब पीने से कब-कब कितने लोगों की हुई मौत
- 20 जनवरी 2022- मकेर व अमनौर में 16 लोगों की जान गई थी। वहीं, 15 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। इसमें दो और लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। अमनौर और मकेर के बाद अब मढौरा के कर्णपुर में भी जहरीली शराब से तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी।
- 03 अगस्त 2022- 13 लोगों की जान गई थी गड़खा व अमनौर में तीन अगस्त 2022 को जिले में शराब पीने से 13 लोगों की मौत और 16 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि शराब पीने के बाद अचानक लोगों की तबीयत खराब होने लगी थी। घरवाले कुछ समझ पाते, इसके पहले दो लोगों की मौत हो गई थी।
- 12 अगस्त 2022- मढ़ौरा और गड़खा में कुल सात लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी। इसमें अधिकारिक पुष्टि शुरुआत में नहीं हुई लेकिन आंखों की रोशनी जाने वालों ने इस बात की पुष्टी की।
- 14 दिसंबर 2022- सारण जिले के मशरक, मढ़ौरा,इसुआपुर,अमनौर व तरैया में जहरीली शराब पीने से 77 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद राष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम भी छपरा पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मिलकर पूरे मामले की जानकारी भी थी।
- 16 अक्टूबर 2024- मशरक व मढ़ौरा थाना क्षेत्र के ब्राहिमपुर में जहरीली शराब पीने से 16-18 अक्टूबर के बीच 15 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 71से अधिक लोग बीमारी हो गये हैं।
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