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Saran News: तरैया प्रखंड के 20 स्कूलों को छोड़ किसी में नहीं बन रहा है एमडीएम, प्रधानाध्यापक ने बताई वजह

Saran News तरैया प्रखंड के विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना बंद होने से बच्चों को परेशानी हो रही है। आदर्श मध्य विद्यालय और कन्या मध्य विद्यालय में एक सितंबर से चावल के अभाव में मध्याह्न भोजन नहीं बन पा रहा है। इससे बच्चों को भूख लगने पर विद्यालय से बाहर जाना पड़ता है और उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है। विद्यालयों में कुल 821 और 447 बच्चे नामांकित हैं।

By Rana Pratap Singh Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Wed, 16 Oct 2024 04:38 PM (IST)
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सारण के तरैया प्रखंड के कई स्कूलों में मिड डे मिल नहीं बन पा रहा (जागरण)
राणा प्रताप सिंह जागरण, तरैया (सारण)। Saran News: तरैया प्रखंड में इन दिनों मिड डे मील की व्यवस्था चरमरा गई है और जरूरतमंद बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। मध्याह्न भोजन से बच्चों को न्यूट्रीशन तो मिलता ही था, उन्हें पढ़ाई में भी कंसन्ट्रेट करने में सहूलियत होती थी, क्योंकि बेहद कमजोर आर्थिक वर्ग से आने वाले बच्चों को भर पेट एक शाम के भोजन की चिंता नही करनी होती थी।

अब वो भी सितंबर से बंद है और बच्चे परेशान हैं। कहीं एमडीएम योजना में बच्चों के निवाले की हकमारी तो नहीं की जा रही है। क्या यह जांच का विषय नहीं है। इसका उदाहरण है तरैया बाजार स्थित आदर्श मध्य विद्यालय। इसमें बुधवार को विद्यालय आए बच्चों को मिड डे मील नसीब नहीं हुआ।

चावल के आभाव में नहीं बन पा रहा भोजन

बुधवार को विद्यालय में एमडीएम योजना की पड़ताल की गई तो विद्यालय के प्रधानाध्यापक बबन सहनी द्वारा बताया गया कि पिछले माह एक सितंबर से चावल के अभाव में मध्याह्न भोजन नहीं बन रहा है। कुल 821 नामांकित में 452 बच्चे उपस्थित है। कुछ बच्चे भूख लगने का कारण बता विद्यालय से चले जाते है, जिनका पठन पालन प्रभावित होता है। वही विद्यालय में मध्यांतर होते हैं बच्चे भूख से तिलमिया जाते है तो विद्यालय से बाहर दुकान से समोसे पकौड़ी खाने को मजबूर हो जाते है।

उससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ता है। कुछ बच्चे घर से खाना लेकर आते है जो मध्यांतर के बाद भोजन करते नजर आते है। यही हाल तरैया बाजार स्थित कन्या मध्य विद्यालय का भी है। इस विद्यालय में भी पिछले 15 दिनों से मिड डे मील नहीं बन पा रहा है।

इसका कारण चावल का अभाव होना है। इस संबंध में प्रधानाध्यापक सह डीडीओ सतेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि विद्यालय में चावल के अभाव में मध्याह्न भोजन नहीं बन पा रहा है। इस माह 01 अक्टूबर से एमडीएम योजना बंद है। विद्यालय में कुल 447 में 252 बच्चे उपस्थित है। कुछ बच्चे घर से लाया खाना खाते है तो कुछ बच्चे बाजार की तरफ रुख कर अपना भूख मिटाते है। कुछ बच्चे भूख लगा कह विद्यालय से चले जाते है। एमडीएम का संचालन नहीं होने से बच्चे का पठन पाठन भी प्रभावित होता है।

क्या कहते है प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राम कुमार सिंह

प्रखंड में चावल के अभाव में विद्यालय के बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं मिल पा रहा है। जिले से चावल का आवंटन होते ही बच्चों को मध्याह्न भोजन मिलना शुरू हो जाएगा।

क्या कहते है प्रखंड साधन सेवी चंदेश्वर महतो

प्रखंड में कुल 89 विद्यालय में एमडीएम योजना संचालित है। चावल के अभाव में 20 प्रतिशत विद्यालय को छोड़ 80 प्रतिशत विद्यालय में यह योजना बंद है। जिले से चावल का आवंटन होते ही मध्याह्न भोजन शुरू कर दिया जाएगा।

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