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Saran Lok Sabha Seat: सारण लोकसभा का अलग ही है हिसाब-किताब, एक बार प्रत्याशी उतार गायब हो जाते हैं क्षेत्रीय दल

Bihar Politics सारण संसदीय सीट का चुनावी चौपड़ बिछ गया है और मोहरे आधिकारिक रूप से बिछ गए हैं। यहां के चुनावी अखाड़े में उतरे सियासी खलीफों को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया गया है। इस संसदीय चुनाव में यहां कुल 14 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें भाजपा राजद और बसपा के अतिरिक्त पांच क्षेत्रीय दल के और छह निर्दलीय प्रत्याशी हैं।

By rajeev kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sat, 11 May 2024 05:10 PM (IST)
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सारण लोकसभा में चुनावी समीकरण (जागरण फोटो)

जागरण संवाददाता, छपरा। Bihar Political News Today: सारण संसदीय सीट का चुनावी चौपड़ बिछ गया है और मोहरे आधिकारिक रूप से बिछ गए हैं। यहां के चुनावी अखाड़े में उतरे सियासी खलीफों को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया गया है। इस संसदीय चुनाव में यहां कुल 14 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें भाजपा, राजद और बसपा के अतिरिक्त पांच क्षेत्रीय दल के और छह निर्दलीय प्रत्याशी हैं।

छपरा से सारण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र गठित होने के बाद इस सीट पर तीन संसदीय चुनाव हो चुके हैं। मगर इन चुनावों में उतरने वाले क्षेत्रीय दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों की बात करें तो एक चुनाव के बाद दूसरे में वे गायब हो जाते हैं। बस इसमें भारतीय एकता दल अपवाद है, जिसने 2014 के बाद इस चुनाव में भी अपना उम्मीदवार उतारा है।

एक संसदीय चुनाव के बाद दूसरे में क्षेत्रीय दल लापता

सारण संसदीय सीट के पहले चुनाव 2009 में दो क्षेत्रीय दल ने अपना उम्मीदवार दिया था। लोकतांत्रिक समता पार्टी के प्रत्याशी संतोष पटेल थे। चुनावी नतीजे में वे नंबर सात पर रहे और उन्हें 3769 मत मिले थे। वहीं भारतीय मोमीन फ्रंट के उम्मीदवार सोहेल अख्तर थे जो चुनावी नतीजे के अंतिम पायदान पर रह 1734 वोट हासिल कर पाये थे। 2014 के चुनाव में यहां चार क्षेत्रीय दलों ने प्रत्याशी उतारा। भारतीय एकता दल के राजेश कुमार को 9747 मत मिले। बिहार जनता पार्टी के चंदन गुप्ता को 6765, जय महाभारत पार्टी के रंजन कुमार को 3217 व बहुजन मुक्ति पार्टी के नीरज राम को 2818 वोट मिले थे। वहीं गत 2017 के चुनाव में पांच क्षेत्रीय दल ने यहां पांच क्षेत्रीय दलों ने उम्मीदवार दिए।

युवा क्रान्तिकारी पार्टी के इश्तेयाक अहमद को 2530, वंचित समाज पार्टी के राजकिशोर प्रसाद को 2029, पूर्वांचल महापंचायत के भीष्म कुमार को 1931, भारतीय इंसाफ पार्टी के जुवेद खान को 1613 और बिहार लोकनिर्माण दल के धर्मवीर कुमार को 1513 वोट मिले थे। इस तरह एक चुनाव लड़ने के बाद दूसरे में न ये पार्टियां दिखी और न वे उम्मीदवार दुबारा नजर आयें। हां, भारतीय एकता दल ने इसबार जरूर अपना उम्मीदवार दूसरी दफा उतारा है।

निर्दलीय प्रत्याशी भी जमानत गंवा दुबारा नहीं उतरे चुनाव मैदान में

सारण संसदीय चुनाव के रण में 2009 से 2024 तक के चुनाव में पहले वाले निर्दलीय प्रत्याशी दुबारा नहीं उतरे। इनमें लगभग सभी ने चुनाव में अपनी जमानत गंवाई। 2009 के चुनाव मैदान में यहां तीन निर्दलीय प्रत्याशी थे। शिवदयाल सिंह को 9798, लालबाबू राय को 7308 और धुपेन्द्र सिंह को 6512 मत मिले थे। 2014 के चुनाव में दो निर्दलीय प्रत्याशी थे। इनमें ललन प्रसाद को 14,688 और लालू राय को 9957 वोट मिले थे। पिछले 2019 के चुनाव में चार निर्दलीय प्रत्याशी यहां के चुनाव मैदान में थे। इनमें से शिवब्रत सिंह को 14618, लालू प्रसाद यादव को 6205, राजकुमार राय को 4840 और प्रभात कुमार गिरि को 2611 मत प्राप्त हुए थे। ये निर्दलीय प्रत्याशी फिर चुनाव मैदान में नहीं उतरे।

सारण में इसबार 11 क्षेत्रीय दल व निर्दलीय उम्मीदवार

सारण संसदीय सीट के चुनावी अखाड़े में इसबार पांच क्षेत्रीय दल और छह निर्दलीय सियासी खलिफों ने ताल ठोका है। क्षेत्रीय दल जनहित किसान पार्टी ने गजेन्द्र प्रसाद चौरसिया, भारतीय एकता दल ने ज्ञानी कुमार शर्मा, गण सुरक्षा पार्टी ने वरूण कुमार दास, भारतीय लोक चेतना पार्टी ने राजेश कुशवाहा और भारतीय सार्थक पार्टी ने अमनौर के पूर्व बीजेपी विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा को उतारा है। वहीं आरती कुमारी, प्रभात कुमार, मोहम्मद सलीम, राघवेंद्र प्रताप सिंह, लक्ष्मण प्रसाद यादव और शेख नौसाद बतौर निर्दलीय चुनाव में उतरे हैं। सारण संसदीय चुनाव के इतिहास में ये सभी चेहरे नये हैं।

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