बड़ी खबर: सारण जिला परिषद अध्यक्ष चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, 15 अक्टूबर तक टली वोटिंग
सुप्रीम कोर्ट ने सारण जिप अध्यक्ष के चुनाव पर 15 अक्टूबर तक रोक लगा दी है। पटना HC के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है। जिला परिषद अध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर हुई विशेष बैठक में अध्यक्ष के खिलाफ मत विभाजन हुआ था जिसमें 29 मत पक्ष में और 18 मत विपक्ष में पड़े थे।
जागरण संवाददाता, छपरा। सारण जिला परिषद अध्यक्ष के 27 सितंबर को होने वाले चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर तक रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट में दयार विशेष अपील अनुमति के लिए याचिका सं.12490/2024 पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत एवं न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुयान ने पटना उच्च न्यायालय के जजमेंट के अध्ययन के लिए अगली सुनवाई 15 अक्टूबर तय की है, तब तक जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव पर रोक लगा दी है।
जिला परिषद अध्यक्ष के पद की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने के बाद दिलचस्प मोड़ आ गया है। अभी जयमित्र देवी एवं स्नेहा सिंह गुट के पार्षद 27 सितंबर को सारण सभागार में होने वाले जिला परिषद चुनाव की तैयारी में जुटे हुए थे। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट से चुनाव पर को फिलहाल रोक लगा दी है।
अविश्वास प्रस्ताव को ले 29 अगस्त को हुई थी विशेष बैठक:
उल्लेखनीय है कि पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर जिला परिषद अध्यक्ष के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर 29 अगस्त को विशेष बैठक हुई थी। बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष सहित सभी 47 सदस्य उपस्थित हुये थे। जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में हुए अविश्वास प्रस्ताव में पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों द्वारा इन आरोपों को लेकर आपस में चर्चा की थी।चर्चा समाप्त होने के बाद अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मत विभाजन किया हुआ था, जिसमें अध्यक्ष के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 29 मत पड़े तथा अविश्वास प्रस्ताव के विपक्ष में 18 मत पड़े थे। इस प्रकार बहुमत के आधार पर अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित करते हुये अध्यक्ष का पद रिक्त घोषित किया गया था।
पटना हाई कोर्ट ने उपस्थित सदस्यों के बीच वोटिंग करने का दिया था आदेश:
बता दें कि पटना उच्च न्यायालय में अपील संख्या 125 वर्ष 2024 व सिविल रिट अधिकारिता मामला संख्या 1726 वर्ष 2024 समेत अन्य मामलों की एक साथ सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन ने जिला परिषद अध्यक्ष एवं प्रखंड प्रमुख के अविश्वास प्रस्ताव पर जजमेंट देते हुए कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव के दिन जितने सदस्य उपस्थित होंगे। वे वोट देंगे उसमें बहुमत देखा जाएगा।इस दौरान कुल संख्या नहीं देखी जाएगी। इस जजमेंट के आलोक में स्नेहा सिंह समेत 12 सदस्यों ने पटना उच्च न्यायालय एवं विभागीय पत्र के आलोक में अविश्वास प्रस्ताव की बैठक की तिथि निर्धारित करने की मांग की थी, क्योंकि 15 जनवरी 24 को जयमित्रा देवी के खिलाफ लगाया गया अविश्वास प्रस्ताव में छह सदस्य के उपस्थित होने पर कोरम के अभाव में अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था।इसके बाद भी अविश्वास प्रस्ताव की बैठक में पारित प्रस्ताव तथा प्रस्तावित अनुवर्ती बैठक में केवल 15 जनवरी 24 की बैठक में उपस्थित छःसदस्यों को ही नोटिस निर्गत करने संबंधी अध्यक्ष का आदेश अतार्किक एव अवैधानिक बताया था। मार्गदर्शन पर पुन: बैठक 30 जुलाई को तय की गई थी।
इस बीच पटना उच्च न्यायालय ने फैसले की सुनवाई तक बैठक पर रोक लगा दी थी। अब पटना उच्च न्यायालय ने जय मित्र देवी की याचिका को खारिज करते हुए जिलाधिकारी को अविश्वास प्रस्ताव के लिए सात दिनों के अंदर तिथि तय करने का निर्देश दिया था।
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