सूर्य के शुक्र राशि में जाने के कारण अप्रैल माह के बाद मई और जून में शुभ मुहूर्त नहीं हैं। इस कारण विवाह जैसे मांगलिक कार्यक्रमों पर रोक लग गई है। मांगलिक कार्यक्रमों के लिए अभी जुलाई तक का इंतजार करना पड़ेगा। जुलाई माह में 15 तारीख तक 5-6 मुहूर्त उपलब्ध रहेंगे। इसके बाद 16 जुलाई से 11 नवंबर तक कोई विवाह मुहूर्त नहीं है।
संवाद सूत्र, दिघवारा सारण। सूर्य के शुक्र राशि में चले जाने के कारण अप्रैल के बाद मई-जून में शुभ मुहूर्त नहीं बन पा रहा है। इस कारण विवाह व शुभ कार्यक्रमों पर रोक लग गई है। शुक्र ग्रह के अस्त होने के कारण मई और जून महीने में कोई विवाह मुहूर्त नहीं है।
विवाह जैसै शुभ कार्यक्रमों के लिए अभी
जुलाई माह तक का इंतजार करना पड़ेगा।
नौ जुलाई से 17 जुलाई तक विवाह के 5-6 मुहूर्त उपलब्ध रहेंगे। उसके बाद 16 जुलाई से 11 नवंबर तक चातुर्मास होने के कारण कोई विवाह मुहूर्त नहीं है। 12 नवंबर से 15 दिसंबर तक 15-16 शुभ विवाह मुहूर्त बनेंगे।
इस साल मई व जून में विवाह मुहूर्त न होने के कारण दो माह तक सन्नाटा रहेगा। विवाह मुहूर्त कम होने के कारण उन लोगों को ज्यादा दिक्कत होगी, जो लोग लग्न व अन्य मांगलिक कार्य कर कुछ पैसा जमा कर रोटी-रोजी और अपने बच्चों के शिक्षा के खर्च का व्यवस्था करते है।
माह |
शुभ मुहूर्त |
जुलाई |
9 से 17 तारीख तक |
नवंबर |
17, 18, एवं 22 से 26 तक |
दिसंबर |
2 से 5 तक एवं 9, 10, 11, 13, 15 को |
क्या कहते हैं दुकानदार?
मांगलिक कार्यों से जुड़े व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि
हर साल मई और जून माह में खूब लग्न विवाह होता था। ऐसे में बुकिंग कम होने से आर्थिक संकट गहराएगा। दुकानदार विवाह मुहूर्त दो महीने नहीं होने से परेशान दिख रहे हैं।
दुकानदारों का कहना है कि उन्होंने लग्न के हिसाब से नई नई डिजाइन और वैराइटी के कोट, शेरवानी, लहंगा, ब्लाउज आदि मंगवाए थे। यदि दो माह बाद डिजाइन बदल गया तो उनके सामान का नुकसान हो सकता है। अब दो महीने खर्च कैसे निकलेगा।
दो माह लग्न नहीं होने से कैटरर्स संचालकों ने बताया कि बुकिंग कम होने से आर्थिक तंगी झेलनी पड़ सकती है। उनके साथ करीब 25 से तीस लोगों का समूह होता है। मई व जून बिना मांगलिक कार्य के गुजरने वाले है। हम लोगों का इसी लग्न के मौसम से साल भर का खर्च चलता है। अब दो महीने बेकार बैठे रहेंगे। इस बार बुकिंग कम होने से आर्थिक संकट भी गहराएगा।
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