आ गया शिक्षा से जुड़ा नया फरमान, सरकारी स्कूल में पढ़नेवालों का होगा वीकली टेस्ट; जानिए कितने अंकों के प्रश्न पूछे जाएंगे
बिहार में लगातार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए काम किया जा रहा है। अब सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले पहली से 12वीं तक के विद्यार्थियों को प्रत्येक सप्ताह टेस्ट देना होगा। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की तरफ से ये शुरूआत की गई है। सभी विषयों के लिए साप्ताहिक मूल्यांकन का आयोजन प्रत्येक सप्ताह में एक बार शिक्षकों द्वारा किया जायेगा।
जागरण संवाददाता, छपरा। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले पहली से 12वीं तक के विद्यार्थियों को अब प्रत्येक सप्ताह टेस्ट देना होगा। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से इसको लेकर पहल की गई है। स्कूलों में लगातार हो रहे निरीक्षण से विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है। अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराना है। ऐसे में प्रत्येक सप्ताह विद्यार्थियों का मूल्यांकन होगा।
इस संबंध में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी सुगंधा ने जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) कौशल किशोर को पत्र भेजा है। डीईओ को भेजे पत्र में कहा गया है कि सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत वर्ग पहली से 12 वीं के छात्र-छात्राओं के लिए विद्यालयों में साप्ताहिक मूल्यांकन के आयोजन करना है। विद्यार्थियों के सीखने की प्रक्रिया में मूल्यांकन एक महत्वपूर्ण घटक है। यह शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को यह समझने में मदद करता है कि कहां हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
सभी विषयों का होगा साप्ताहिक मूल्यांकन
सभी विषयों के लिए साप्ताहिक मूल्यांकन का आयोजन प्रत्येक सप्ताह में एक बार शिक्षकों द्वारा किया जायेगा। शिक्षक वर्गवार निर्धारित अधिगम प्रतिफल के आधार पर पाठ्यपुस्तक की सहायता से प्रश्नों का चयन करेंगे। पहली से आठवीं का मूल्यांकन अधिकतम 10 अंकों का एवं नौवीं से 12वीं का अधिकतम 20 अंकों का होगा। इससे छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक स्तर में सुधार होगा। पहली से लेकर 12 वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए प्रत्येक सप्ताह आयोजित होने वाला मूल्यांकन गैर वित्तीय गतिविधि के रूप में संपादित किया जायेगा।
शिक्षक स्कूल के ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखेंगे
साप्ताहिक मूल्यांकन के लिए शिक्षक प्रश्न ब्लैकबोर्ड पर लिखेंगे। इसके लिए सभी छात्र-छात्राओं के पास एक नोटबुक या अभ्यास पुस्तिका होगी, जिसका उपयोग साप्ताहिक मूल्यांकन के लिए होगा। उससे छात्र-छात्राओं के शैक्षिक प्रगति का अवलोकन होगा। इससे बच्चों में रचनात्मकता और सीखने के कौशल को बढ़ावा मिलेगा।
कितने अंकों के प्रश्न मूल्यांकन में पूछे जाएंगे
पहली से आठवीं के विद्यार्थियों के लिए अधिकतम 10 अंक और नौंवी से बारहवीं के लिए अधिकतम 20 अंकों के प्रश्न मूल्यांकन में पूछे जाएंगे। प्रश्नों के चयन का जिम्मा शिक्षकों को सौंपा गया है। एक सप्ताह तक वे कक्षा में जिन अध्यायों का अध्यापन करेंगे, मूल्यांकन में उन्हीं पाठ से प्रश्न पूछेंगे।
इसके लिए विद्यार्थियों को ब्लैकबोर्ड पर ही प्रश्न लिखकर दिया जाएगा। विद्यार्थी अपनी कापी में इसका उत्तर देंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित रूप से मूल्यांकन होने से विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे।
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