Bakra Eid 2024: बकरीद में मुसलमान क्यों देते हैं कुर्बानी? जानिए क्या है इसके पीछे की पूरी कहानी
कुर्बानी और त्याग के प्रतीक त्योहार बकरीद को लेकर तैयारी अंतिम चरण में है। नमाज के लिए मस्जिदों और ईदगाहों में विशेष व्यवस्था की गई है। बकरा बाजार में तो कई दिनों से रौनक है। ईत्र सेवई कपड़ों के बाजार में भी रविवार को खूब चहल-पहल रही। बकरा बाजार रविवार की देर शाम तक गुलजार रहा। बकरों की कीमत भी खूब तेज रही।
जागरण संवाददाता, छपरा। बकरा बाजार रविवार की देर शाम तक गुलजार रहा। बकरों की कीमत भी खूब तेज रही। उत्तर प्रदेश के बलिया से लाया गया शेरा नाम का बकरा 70 हजार रुपये में बिका। करीम चक व गुदरी बाजार में बकरा खरीदने के लिए भीड़ उमड़ी थी। शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों में बकरे बिक रहे थे।
वैसे कई घरों में एक वर्ष, छह माह से ही बकरे को पूरे प्यार से पाला गया है। बकरीद के दिन सोमवार को इनकी कुर्बानी दी जाएगी। बकरीद की नमाज ईदगाह समेत सभी बड़ी मस्जिदों में अदा की जाएगी। इसके बाद कुर्बानी का सिलसिला शुरू होगा।
मुस्लिम समाज के लोग कुर्बानी के बाद अपने रिश्तेदारों एवं गरीबों के बीच सेवई व बकरे के मांस को तकसीम करेंगे। ईद की तरह बकरीद का त्यौहार भी बहुत अहम है। इस्लामी साल का आखरी महीना(जिलहिज्जा) में मुसलमान पूरी अकीदत के साथ बकरीद मनाते है।
सेवइयों, खाद्य सामग्री और कपड़े की दुकानों पर थी भीड़
इसके अलावा बाजारों में सेवइयां सहित विभिन्न खाद्य सामग्रियों की खरीद होने से गहमागहमी रही। कपड़े, जूते-चप्पल, साज-सज्जा व सेवईं की दुकानों पर भी काफी भीड़ देखी गई।
वहीं, कपड़े की दुकानों पर लोगों को कुर्ता-पजामा, शलवार सूट, जिंस, टी-शर्ट आदि की खरीदारी करते देखा गया।
त्योहार को लेकर मांग बढ़ने से सामानों की कीमतों में अन्य दिनों की तुलना में उछाल दिखा। फिर भी लोग खरीदारी करने में जुटे रहे. देर शाम तक बाजार गुलजार रहा।
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