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बागमती नदी लाल निशान के पार, बाढ़ का संकट अभी भी बरकरार; पानी में डूबने से युवक की मौत

Bihar Flood बागमती नदी में उफान बरकरार हैं। बागमती नदी अब भी खतरे के निशान से 70 सेमी उपर बह रही है। नदी का पानी लगातार नए इलाकों में फैल रहा है। बेलवाघाट डुब्बाघाट और मोतनाजे घाट पर तटबंध पर दवाब बढ़ गया है। बागमती में आए उफान के चलते मोतनाजे और गुलरिया गांव के बीच लोग नाव से परिचालन कर रहे है।

By Neeraj KumarEdited By: Aysha SheikhUpdated: Mon, 28 Aug 2023 03:37 PM (IST)
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बागमती नदी लाल निशान के पार, बाढ़ का संकट अभी भी बरकरार; पानी में डूबने से युवक की मौत

शिवहर, संवाद सहयोगी : नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र समेत इलाके में लगातार जारी वर्षा के चलते बागमती नदी में उफान बरकरार हैं। रविवार को भी जलस्तर में वृद्धि जारी रही।

बागमती नदी अब भी खतरे के निशान से 70 सेमी उपर बह रही है। नदी का पानी लगातार नए इलाकों में फैल रहा है। बेलवाघाट, डुब्बाघाट और मोतनाजे घाट पर तटबंध पर दवाब बढ़ गया है।

बाढ़ का पानी पिपराही प्रखंड के बेलवा, नरकटिया, माधोपुर, पिपराही प्रखंड के अदौरी, अदौरी गोट, बराही जगदीश, कटैया, तरियानी प्रखंड के तरियानी छपरा, गुलरिया व मोतनाजे समेत दर्जनों गांवों के निचले इलाके में फैलने लगा है।

नाव से परिचालन कर रहे लोग

बेलवा, नरकटिया व दोस्तिया गांव में लगातार पानी प्रवेश कर रहा है। बागमती में आए उफान के चलते मोतनाजे और गुलरिया गांव के बीच लोग नाव से परिचालन कर रहे है। बेलवा और देवापुर के बीच भी नाव चल रही है।

बाढ़ के पानी से घिरे बेलवा के लोग नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं। लोग मचान बनाकर रहने को विवश हैं। शिवहर-ढाका एसएच और तरियानी-बेलसंड पथ पर पांच फीट पानी के तेज बहाव के चलते आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है।

हजारों हेक्टेयर में फसल डूबी

जलस्तर में वृद्धि के चलते बागमती नदी की गोद व बांध के किनारे बसे लोग दहशत में आ गए है। बाढ़ के पानी से हजारों हेक्टेयर में फसल डूब गई है।

इधर, जलस्तर में जारी तेज वृद्धि के चलते कार्यपालक अभियंता राकेश रंजन के नेतृत्व में बागमती प्रमंडल की टीमें एक्शन मोड में है। सभी तटबंध और जलस्तर की निगरानी की जा रही है।

बाढ़ पीड़ितों के साथ प्रशासन कर रहा मनमानी

कोसी बांध के अंदर बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए शिविर के लिए सही स्थान का चयन नहीं होने से शिविर में अधिकांश लोग खाने से वंचित हैं। यह जानकारी पूर्व विधायक सह राष्ट्रीय महासचिव यदुवंश कुमार यादव ने दी।

पूर्व विधायक ने कहा कि बाढ़ के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। प्रशासन के अधिकारी जहां-तहां शिविर खोल रहे हैं, जिससे असली बाढ़ पीड़ित शिविर के खाने से वंचित हैं।

बाढ़ के पानी में डूबने से युवक की मौत

तिलकेश्वर ओपी के उसरी पंचायत के हरिनाही गांव में रविवार को बाढ़ के पानी में डूबने से एक युवक की मौत हो गई। ग्रामीणों के सहयोग से शव को बाढ़ के पानी से बाहर निकालने के बाद इसकी सूचना तिलकेश्वर ओपी एवं अंचल प्रशासन को दी गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक दोपहर करीब तीन बजे बाढ़ के पानी में तैर कर मवेशियों के लिए हरा चारा लाने जा रहा था। इसी दौरान गहरे पानी में चले जाने से वह डूबने लगा। गांव के ही एक लड़के ने उसे डूबते हुए देख कर हल्ला किया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी।