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Bihar Flood News: शिवहर में उफान पर बागमती नदी, जलस्तर लाल निशान के पार; लोगों के बीच फैली दहशत

नेपाल में बीते 24 घंटे से हो रही भारी बारिश का असर बिहार में भी देखने को मिल रहा है। शिवहर में बागमती नदी का जलस्तर लाल निशान के पार हो गया है। इससे आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। नदी का पानी भी निचले इलाकों में तेजी से फैलने लगा है। इसके चलते कई फसलें डूब गई हैं।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Thu, 01 Aug 2024 09:32 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

जागरण संवाददाता, शिवहर। नेपाल में लगातार जारी बारिश के चलते बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। पिछले 24 घंटे के भीतर बागमती के जलस्तर में 1.06 मीटर की वृद्धि हुई है। डुब्बाघाट स्थित रेनगेज पर गुरुवार को बागमती का जलस्तर खतरे के निशान 61.28 मीटर से आठ सेंटीमीटर ऊपर दर्ज किया गया।

इससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। तटबंधों पर दबाव बढ़ने लगा है। नदी का पानी तटबंध के भीतरी इलाकों में तेजी से फैल रहा है। इसके चलते सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें डूब गई हैं।

इन इलाकों में लोगों की बढ़ी चिंता

बाढ़ आशंका से पिपराही प्रखंड के बेलवा, इंदरवा, नरकटिया व माधोपुर के अलावा तरियानी व पुरनहिया प्रखंड के दर्जनों गांवों के लोगों की चिंता बढ़ गई है। जल संसाधन विभाग की बागमती प्रमंडल की टीमें तटबंध और जलस्तर पर नजर बनाए हैं।

उधर, सीतामढ़ी के सोनबरसा में झीम नदी के जलस्तर का उतार-चढ़ाव जारी है। बुधवार को झीम नदी में आई बाढ़ से ध्वस्त चचरी पुल से ग्रामीण किसी तरह आ-जा रहे हैं। जलस्तर कम होने से राहत मिली है। वहीं, बथनाहा में लखनदेई नदी में आई बाढ़ में घिरे एक दर्जन गांवों को जलस्तर कम होने से राहत मिली है।

भोजपुर जिले में गंगा नदी में कटाव से दहशत

भोजपुर जिले में बड़हरा प्रखंड क्षेत्र के अचरज राय के टोला गांव के पास गुरुवार को अचानक कटाव शुरू होने से ग्रामीणों में दहशत है। इस कटाव में लगभग 50 मीटर जमीन गंगा नदी में जमींदोज हो गई है। इसके अलावा यहां पहले से बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा कटाव रोधी कार्य भी किया गया था।

इस कटाव के दौरान काटाव रोधी का पूरा मटेरियल भी गंगा नदी की इस कटाव में कट कर धीरे धीरे गंगा नदी में समाहित हो रहा है। तेजी से गंगा नदी द्वारा हो रही कटाव को देखकर इस गांव के साथ आस-पास के इलाके के ग्रामीण डरे व सहमे हुए हैं।

उनको अपनी खेती योग्य जमीन कटाव के कारण गंगा नदी के समाहित होने का डर सता रहा है। विगत वर्षो से इस इलाके के लोग कटाव व बाढ़ का दंस झेलते आ रह हैं।

इसके पहले इस स्थान पर लाखो रुपए खर्च कर कटाव रोधी कार्य कराया गया था, मगर गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद एक बार फिर इस जगह पर कटाव शुरू हो गया है।

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