Sheohar-Sitamarhi Railline Project ढाई दशक से अधिक समय से लंबित सीतामढ़ी-शिवहर बापूधाम रेल परियोजना पर छाए अनिश्चितता के बादल मंगलवार को छट गए। वहीं आजादी के बाद से अबतक की जिलेवासियों की सबसे बड़ी मांग और सबसे बड़ा सपना सच में साकार होते दिख रहा हैं।
By Neeraj KumarEdited By: Prateek JainUpdated: Tue, 28 Mar 2023 10:01 PM (IST)
शिवहर, जागरण संवाददाता: ढाई दशक से अधिक समय से लंबित सीतामढ़ी-शिवहर बापूधाम रेल परियोजना पर छाए अनिश्चितता के बादल मंगलवार को छट गए।
वहीं, आजादी के बाद से अबतक की जिलेवासियों की सबसे बड़ी मांग और सबसे बड़ा सपना सच में साकार होते दिख रहा है।
पहले चरण में बिछेगी 28 किमी लंबी रेललाइन
सांसद रमा देवी की पहल पर रेलवे मंत्रालय ने पहले चरण में सीतामढ़ी से शिवहर के बीच 28 किमी लंबी रेललाइन के निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी है। साथ ही 566.83 करोड़ रुपये आवंटित भी कर दिये हैं।
इसके तहत सिविल इंजीनियरिंग के लिए 506.90 करोड़, जनरल इलेक्ट्रिकल के लिए 6.56 करोड़, इलेक्ट्रिकल टीआरडी के लिए 24.05 करोड़, एस एंड टी के लिए 27.09 करोड़, मैकेनिकल के लिए 2.22 करोड़ व सीआरएम के लिए 0.005 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।
सांसद रमा देवी ने जाहिर की खुशी
इस संबंध में रेलवे बोर्ड के संयुक्त निदेशक जीएस सिविल-2 अभिषेक जगावत ने पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को पत्र भेजा है।
सांसद रमा देवी ने शिवहर-सीतामढ़ी के बीच रेल परियोजना की मंजूरी पर प्रसन्नता व्यक्त की है। साथ ही पीएम मोदी और रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति आभार व्यक्त किया है। साथ ही कहा है कि यह शिवहर जिलावासियों के लिए आजादी के बाद की अबतक की सबसे बड़ी सौगात है।
19 साल में केवल सर्वे ही हो पाया
बताते चलें कि यूपीए-वन की मनमोहन सिंह की सरकार ने वर्ष 2006-2007 में सीतामढ़ी-शिवहर-मोतिहारी रेल लाइन की स्वीकृति दी थी।
अक्टूबर 2007 में शिवहर समाहरणालय ग्राउंड में भव्य समारोह के बीच तत्कालीन केंद्रीय भारी उद्योग राज्यमंत्री रघुनाथ झा की मौजूदगी में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने सर्वे कार्य का शिलान्यास किया था।सीतामढ़ी से रेवासी में क्रॉसिंग, धनकौल में हाल्ट, शिवहर में क्रॉसिंग, सुगिया कटसरी में हाल्ट, पताही में क्रॉसिंग, ढ़ाका में क्रॉसिंग, चिरैया में हाल्ट, गजपुर में क्रॉसिंग व बापूधाम मोतिहारी तक कुल 78.92 किमी की इस परियोजना के लिए वर्ष 2007-2008 में 221 करोड़ की अनुमानित राशि खर्च करने का अनुमान था, जो बढ़कर 926.09 करोड़ हो गया।
अब यह एक हजार करोड़ के पार कर गया है। शुरुआती दौर में सर्वे का काम पूरा भी कराया गया। सर्वे में 24 करोड़ 16 लाख 36 हजार रुपये खर्च किए गए, लेकिन राशि के अभाव में भूमि अधिग्रहण नहीं हो सका।लिहाजा यह परियोजना तीन जिलों में उलझ कर रह गई। पिछले कई सालों से रेल बजट में भी इस परियोजना को शामिल नहीं किया जा सका।
शिवहर के सामाजिक कार्यकर्ता लगातार करते रहे आंदोलन
मामले को लेकर शिवहर के सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद प्रकाश मिश्रा लगातार आंदोलन करते रहे। पीएम को पोस्टकार्ड भेजते रहे। शिवहर में जगह-जगह शिवहर को रेल चाहिए का पोस्टर लगाकर सांसद-विधायक का ध्यान आकृष्ट कराते रहे।
बाद में मिश्रा ने आरटीआई लगाया तो रेलवे बोर्ड ने जवाब में इस परियोजना की स्वीकृति हीं नही मिलने की जानकारी दी। थक-हारकर मुकुंद प्रकाश मिश्रा ने 21 दिसंबर 2021 को पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की, जिसमें हाईकोर्ट ने रेलवे और बिहार सरकार को तलब भी किया था।वर्तमान में मामले की सुनवाई जारी है। इसी बीच सांसद रमा देवी ने संसद में मामले को उठाया था। इसके बाद रेल राज्यमंत्री ने सांसद को पत्र भेजकर इस रेलमार्ग को घाटे की परियोजना करार देते हुए निर्माण से हाथ खड़े कर दिए थे।
हालांकि, रेल राज्यमंत्री ने कहा था कि रेलवे सीतामढ़ी-शिवहर के बीच रेलमार्ग का निर्माण करा सकती है। बशर्ते कि राज्य सरकार भूमि उपलब्ध कराए। इसके बाद से सांसद का प्रयास जारी था, जिसमें यह सफलता मिली है।
शिवहर में उत्साह, जश्न का माहौल
शिवहर-सीतामढ़ी रेलमार्ग की स्वीकृति से जिले में हर्ष का माहौल है। लोगों में जबरदस्त उत्साह है। भाजपा जिलाध्यक्ष नीरज कुमार सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष संजीव कुमार पांडेय, जिला मंत्री डा. नूतन सिंह, उपाध्यक्ष रामकृपाल शर्मा, भाजपा नेता सह जिप उपाध्यक्ष पार्वती देवी, डा. रामबाबू गुप्ता और शिवहर में रेलमार्ग के लिए आंदोलित मुकुंद प्रकाश मिश्रा आदि ने प्रसन्नता व्यक्त की है। वहीं पीएम, रेलमंत्री और सांसद के प्रति आभार व्यक्त किया है।
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