'₹ 250 दो नहीं तो यहीं उतार दूंगा', प्रसव पीड़ा से तड़पती रही दिव्यांग की पत्नी; एंबुलेंस चालक ने मांगे पैसे
यह एक पैर से दिव्यांग अमित और उसकी पत्नी राखी का दर्द है जिनका प्रत्येक दिन आइसक्रीम का ठेला चलाकर दो सौ की कमाई से घर चलता है। ऐसे में जब बरबीघा के सामाचक के रहने वाले अमित की पत्नी को प्रसव पीड़ा उठी तो सरकारी व्यवस्था में बैठे गिद्धों ने उसे भी नोचने में थोड़ी भी संवेदना नहीं दिखाई।
By Arun SathiEdited By: Prateek JainUpdated: Fri, 25 Aug 2023 09:01 PM (IST)
अरुण साथी, शेखपुरा: यह एक पैर से दिव्यांग अमित और उसकी पत्नी राखी का दर्द है, जिनका प्रत्येक दिन आइसक्रीम का ठेला चलाकर दो सौ की कमाई कर घर चलता है।
ऐसे में जब बरबीघा के सामाचक के रहने वाले अमित की पत्नी को प्रसव पीड़ा उठी तो सरकारी व्यवस्था में बैठे गिद्धों ने उसे भी नोचने में थोड़ी भी संवेदना नहीं दिखाई।दरअसल, अमित की पत्नी को बुधवार की रात्रि नौ बजे प्रसव पीड़ा उठी, उसने एंबुलेंस के लिए कॉल किया दीपक नामक व्यक्ति के द्वारा कहा गया कि वह छुट्टी पर है। फिर तीन सौ रुपये में ऑटो किराया देकर महिला को बरबीघा रेफरल अस्पताल पहुंचाया गया।
गर्भवती महिला को थी खून की कमी
बरबीघा रेफरल अस्पताल में डॉक्टर आनंद कुमार ने राखी की जांच की तो पाया कि खून की मात्रा मात्र 4 ग्राम है। डॉक्टर के द्वारा रात्रि को ही महिला को सदर अस्पताल ले जाने के लिए कहा। बरबीघा में ब्लड चढ़ाने की भी कोई व्यवस्था नहीं होने का तर्क दिया गया।अमित कुमार बताता है कि खुशामद के बाद बरबीघा अस्पताल से एंबुलेंस सदर अस्पताल शेखपुरा ले जाने के लिए तैयार हुआ।
निशुल्क व्यवस्था वाले इस एंबुलेंस के चालक मान सिंह ने शेखपुरा नगर परिषद के तीन मुहानी हनुमान मंदिर के पास पहुंचने पर एंबुलेंस को आधी रात को सड़क के किनारे खड़ा कर दिया और कहा कि ढाई सौ रुपये दीजिए नहीं तो मरीज को यहीं उतार देंगे।
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