नवादा जेल ब्रेक कांड में जेल से रिहा अशोक महतो 17 साल बाद घर पहुंचे, काफिले में शामिल समर्थकों ने बस कंडक्टर को पीटा
भागलपुर सेंट्रल जेल में नवादा जेल ब्रेक कांड और अन्य मामलों में बंद अशोक महतो को रिहाई मिल गई। शुक्रवार को वह सैकड़ों समर्थकों के साथ 17 साल बाद अपने पैतृक घर पहुंचे। आरोप है कि महतो के घर लौटने के क्रम में उनके काफिले में शामिल कुछ समर्थकों ने एक बस कंडक्टर के साथ मारपीट की। यह मामला पुलिस थाने तक भी पहुंचा था।
By Arun SathiEdited By: Yogesh SahuUpdated: Fri, 10 Nov 2023 08:43 PM (IST)
जागरण टीम, वारिसलीगंज/बरबीघा/पकरीबरावां। नवादा जेल ब्रेक कांड समेत अन्य कई आपराधिक मामलों को लेकर पिछले 17 वर्षों से जेल में बंद कुख्यात अशोक महतो शुक्रवार को अपने घर पहुंचे।
आरोप है कि इस दौरान उनके काफिले में शामिल सैकड़ों समर्थकों में से कुछ ने बरबीघा में बस कंडक्टर के साथ मारपीट की। मामला पुलिस तक भी पहुंचा, परंतु बाद में समझौता हो गया।
जेल से निकलकर समर्थकों से घिरे अशोक महतो
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को पकरीबरावां थाना के बढ़ौना निवासी अशोक महतो भागलपुर केंद्रीय कारा से रिहा होकर सैकड़ों समर्थकों के साथ वारिसलीगंज पहुंचे थे।स्थानीय पटेल चौक के समीप स्थित सरदार पटेल की मूर्ति पर माल्यार्पण किया, बाद में समर्थकों ने फूल माला से महतो का स्वागत किया।बता दें कि शेखपुरा जिले के पूर्व विधायक रणधीर सोनी पर हमला मामले में गुरुवार को रिहाई के बाद अशोक महतो की अगवानी के लिए समर्थक सैकड़ों वाहनों के साथ शुक्रवार की सुबह भागलपुर रवाना हुए थे।
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जेल से रिहा होने के बाद अशोक महतो के पक्ष में समर्थकों ने नारे लगाए और वारिसलीगंज स्थित पटेल चौक पर पहुंचे। यहां पहले से मौजूद समर्थकों ने स्वागत किया।
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