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Bihar Crime: '...हिजाब पहनने से रोका तो सि‍र कलम कर देंगे', हेडमास्‍टर समेत शिक्षक सहमे; मांगा सामूह‍िक ट्रांसफर

Bihar Crime News शेखपुरा जिला के शेखोपुरसराय स्थित नगर परिषद के उत्क्रमित मध्य विद्यालय चरुआवां में छात्राओं के हिजाब पहनकर आने का मामला गरमाता ही जा रहा है। दैनिक जागरण में शनिवार को खबर प्रकाशित होने के बाद अधिकारियों ने इस पर संज्ञान लिया। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को स्कूल भेज कर मामला सुलझाने के लिए कहा गया परंतु वहां मामला नहीं सुलझा।

By Arun SathiEdited By: Prateek JainUpdated: Sat, 02 Dec 2023 06:40 PM (IST)
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क्‍लास में बुर्का और हिजाब पहनकर आई कई छात्राएं। फोटो- जागरण

जागरण टीम, शेखोपुरसराय (शेखपुरा)। शेखपुरा जिला के शेखोपुरसराय स्थित नगर परिषद के उत्क्रमित मध्य विद्यालय चरुआवां में छात्राओं के हिजाब पहनकर आने का मामला गर्माता जा रहा है। दैनिक जागरण में शनिवार को खबर प्रकाशित होने के बाद अधिकारियों ने इस पर संज्ञान लिया।

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को स्कूल भेज कर मामला सुलझाने के लिए कहा गया परंतु वहां मामला नहीं सुलझा। कई अभिभावक स्कूल पहुंचे, परंतु अपने दीन-धर्म का मामला बताकर इसमें हस्तक्षेप नहीं करने की ही बात कही।

उधर, इस मामले में प्रधानाध्यापक सत्येंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि हिजाब पहनकर नहीं आने के लिए छात्राओं को जब कहा जाने लगा तो गांव का मिराज नाम का एक लड़का मोबाइल लेकर आया और कहा कि हिजाब पहनकर आने के लिए जो भी मना करेगा, उसका सि‍र कलम कर देंगे।

देखिए स्‍कूल के हेडमास्‍टर ने पूरे व‍िवाद पर क्‍या कहा?#bihar pic.twitter.com/7FeVH80eX2— Versha Singh (@Vershasingh26) December 2, 2023

दरअसल, यह मामला नवंबर से सुर्खियों में आया है। प्रधानाध्यापक सुरेन्द्र कुमार चौधरी कहते हैं कि 6 नवंबर से अचानक स्कूल में छात्राएं हिजाब पहन कर आने लगीं। पहले दो-चार की संख्या में थी तो मना नहीं किया जाता था। बाद में समझाया गया कि‍ स्कूल ड्रेस में छात्राओं को आना है।

धार्मिक उपदेशक के द्वारा हिजाब पहनने को कहा गया

इसी बीच कई ग्रामीण जुट कर आए और इसे धार्मिक मामला बताकर इसमें हस्तक्षेप बर्दाश्‍त नहीं करने की बात कही। वहीं, 29 नवंबर को 80 की संख्या में ग्रामीण पहुंचे और अभद्र व्यवहार करने लगे। एक स्कूल के वर्ग शिक्षक को क्‍लास से खींचकर पिटाई करने और जूते से मारने भी प्रयास किया गया।

मिली जानकारी के अनुसार, गांव में एक धार्मिक उपदेशक के द्वारा इस तरह की बात कही गई, जिसके बाद छात्राएं हिजाब पहनकर स्कूल आने लगीं।

टोला सेवक की बहाली से भी जुड़ गया है मामला

इस पूरे विवाद में टोला सेवक से भी मामला जुड़ने की बात कही जा रही है। बताया जाता है कि नगर के वार्ड संख्या 2 का वार्ड पार्षद मुराद अपने किसी रिश्तेदार को टोला सेवक की जगह तालिमी मरकज में बहाल करवाना चाहता था। प्रधानाध्यापक ने कहा कि ऊपर से ही इसमें टोला सेवक की बहाली आई है तो उनके स्तर से इसे बदला नहीं जा सकता।

शिक्षकों ने सामूहिक आवेदन देकर हटाने की लगाई गुहार

हिजाब पहनकर स्कूल आने के विवाद में स्कूल के सभी शिक्षक सहमे हुए हैं। बताया जाता है कि ग्रामीण और कट्टरपंथियों के भय से सभी स्कूल में रहना नहीं चाहते। इसको लेकर स्थानीय अधिकारी को तेरह पुराने शिक्षकों ने सामूहिक आवेदन देकर इस स्कूल से हटाने की मांग की है।

हिजाब में दिखाई दी कई छात्राएं

इस बीच जहां हिजाब का विवाद गर्मा गया है, वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने वर्ग में घूम-घूम कर छात्राओं से स्कूल ड्रेस में आने का निवेदन किया। वहीं, बड़ी संख्या में छात्राएं हिजाब और बुर्के में दिखाई दीं। इसमें प्राथमिक स्कूल से लेकर मध्य विद्यालय और इंटर के वर्ग में हिजाब में छात्राएं दिखाई दीं।

लड़के लाइव इंटरनेट पर करते रहे स्ट्रीमिंग

एक तरफ जहां यह पूरा विवाद गहराता जा रहा था, वहीं कई लड़के इसका लाइव इंटरनेट मीडिया पर भी स्ट्रीमिंग करते रहे। कई लड़के इसमें लाइव स्ट्रीमिंग करते हुए विवाद को और भड़काने का प्रयास करते रहे। इसी बीच एक लड़के को जब मना किया गया तो वह वहां उपस्थित कई लोगों को धमकी भी देने लगा।

स्थानीय पुलिस की नहीं दिखी भूमिका

हिजाब को लेकर जहां स्कूल के शिक्षकों और ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया, वहीं स्थानीय स्तर पर पुलिस की इसमें कहीं कोई भूमिका नहीं दिखाई दी। दोनों तरफ से तनाव को देखते हुए अधिकारी भी सहमे रहे और शिक्षक भयभीत हैं, परंतु पुलिस के कोई भी पदाधिकारी इस बात का संज्ञान लेकर स्कूल नहीं पहुंचे।

इधर, प्रभारी थाना अध्यक्ष कौशलेश कुमार ने बताया कि शाम को उनके संज्ञान में यह बात आई है, जिसके बाद से गांव में जाकर लोगों से मिले हैं। साथ ही इलाके में गश्‍ती बढ़ा दी गई है।

क्या कहते हैं अधिकारी

इसको लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों के साथ बैठक में यह बात समझाई गई है कि हिजाब पहनकर स्कूल नहीं आना है। सरकारी नियम के अनुसार सभी को स्कूल ड्रेस में आना है। यदि यह बात ग्रामीण नहीं मानते हैं तो वरीय पदाधिकारी को इसके लिए सूचित किया जाएगा। - रमेश साहा, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी

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