Bihar News: अब इन छह प्रश्नों के जवाब से टीबी, मधुमेह, रक्तचाप, हृदय रोग और कैंसर का पता लगाएगा मोबाइल एप्लीकेशन; सरकार कराएगी इलाज
भारत सरकार ने एक मोबाइल एप्लीकेशन तैयार किया है। इसकी मदद से घर-घर जाकर गंभीर बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं छह प्रकार के प्रश्नों के पूछे जाने के बाद उससे कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों का भी पता लगाया जाएगा। कैंसर का पता लगने के बाद बिहार सरकार के द्वारा पटना के प्रसिद्ध मेदांता अस्पताल में उसका निशुल्क इलाज भी कराया जाएगा।
अरुण साथी, शेखपुरा। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा तैयार किए गए मोबाइल एप्लीकेशन एमसीडी के माध्यम से आशा घर-घर जाकर गंभीर बीमारियों का पता लगाएगी। फिर उसके इलाज और आने वाले संभावित बीमारियों से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग पहल करेगी।
इतना ही नहीं छह प्रकार के प्रश्नों के पूछे जाने के बाद उससे कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों का भी पता लगाया जाएगा। कैंसर का पता लगने के बाद बिहार सरकार के द्वारा पटना के प्रसिद्ध मेदांता अस्पताल में उसका निशुल्क इलाज भी कराया जाएगा।
इस पूरे अभियान में आशा की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। इसको लेकर मोबाइल एप्लीकेशन चलाने के लिए आशा का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें राज्य स्तरीय प्रशिक्षक संजीव कुमार, मृत्युंजय कुमार, विश्वेश्वर शर्मा के द्वारा आशा को यह प्रशिक्षण पारा मेडिकल कॉलेज में सोमवार को दिया गया।
जानकारी देते हुए गैर संचारी रोग पदाधिकारी नौशाद आलम एवं प्रभारी वित्त सह लॉजिस्टिक सलाहकार प्रभास पांडे ने बताया कि सभी आशा को पहले ही मोबाइल दिए गए हैं। उस एप्लीकेशन में 6 प्रश्न किए जाएंगे। जिसमें चार अंक आने पर उस घर में बीमार की पहचान हो जाएगी।
6 प्रश्न पूछने पर पता चलेगी बीमारी
पहला प्रश्न तंबाकू पीने का, दूसरा शराब पीने का, तीसरा प्रश्न सप्ताह में डेढ़ सौ मिनट पैदल चलने अथवा योगा करने का रहेगा।
चौथा प्रश्न घर में किसी के मधुमेह, रक्तचाप और हृदय रोग के बीमारी के बारे में पूछा जाएगा। पांचवा प्रश्न टीबी के बीमारी के बारे में पूछा जाएगा। छठा प्रश्न मुंह में छाला या कहीं सफेद दाग होने के बारे में पूछा जाएगा।
इसमें हां में जवाब देने पर एक अंक मिलेगा। यदि चार अंक किसी परिवार को आता है तो उसे घर को चिन्हित किया जाएगा। मरीज की पहचान की जाएगी। इलाज और सलाह उपलब्ध कराए जाएंगे।
मधुमेह, हाइपरटेंशन और हृदय रोगियों को बचाने की पहल
नौशाद आलम ने बताया कि मधुमेह, हाइपरटेंशन, हृदय रोग जैसे गंभीर बीमार होने वालों को पहले ही चिन्हित किया जाएगा और उन्हें सलाह दी जाएगी। जरूरत पड़ने पर दवाई भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
कैंसर की पहचान कर मेदांता में होगा इलाज
गैर संचारी रोग पदाधिकारी ने बताया कि मुंह में छाला के प्रश्न के माध्यम से अंक प्राप्त होने पर उसे संदिग्ध माना जाएगा। फिर होमी जहांगीर भाभा कैंसर संस्थान मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में तैनात चिकित्सक के द्वारा उसकी स्क्रीनिंग की जाएगी।
वहां से चिन्हित होने पर मुजफ्फरपुर कैंसर अस्पताल के साथ-साथ पटना के मेदांता अस्पताल में भी उसका निशुल्क इलाज कराया जाएगा।