Durga Puja 2024: बिहार के इस जिले में 'ताजमहल' में स्थापित होंगी मां दुर्गा की प्रतिमा, बंगाल के कारीगर तैयार करेंगे पंडाल
शेखपुरा के गिरिहिंडा चौक पर इस साल दुर्गा पूजा का आयोजन ताजमहल के स्वरूप में किया जाएगा। 12 से 13 लाख रुपये के बजट से बनने वाले इस पंडाल को पश्चिम बंगाल के कारीगर तैयार करेंगे। मां दुर्गा की वैष्णवी पद्धति से पूजा होगी। पंडाल की सुरक्षा के लिए 15 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और मेले में सक्रिय युवाओं की टोली निरंतर निगरानी में लगे रहेंगे।
अभय कुमार, शेखपुरा। 38 वर्षों से वैष्णव पद्धति से शहर के गिरिहिंडा चौक पर माँ दुर्गा की पूजा की जा रही है। वर्ष 1986 में सबसे पहली बार माता की प्रतिमा स्थापित की गयी थी। तब से लेकर आज तक हर बार नए निखार के साथ पूजा जारी है।
सचिव मुकेश कुमार यादव ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भव्य दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इस बार माता का पंडाल ताजमहल के स्वरूप में बनाया जाएगा।
12 से 13 लाख रुपये का बजट
सचिव मुकेश कुमार ने बताया कि इस बार बड़े बजट के तहत 12 से 13 लाख रुपए खर्च आएगा। जिसमें मूर्ति पर एक लाख, पंडाल पर 7 लाख, लाइटिंग पर 2 लाख , प्रसाद एवं अन्य खर्च 2 से 3 लाख का लक्ष्य रखा गया है।माता कि स्थाई प्रतिमा होगी, जबकि विशेष साज सज्जा पर जोड़ दिया गया है। मूर्ति के साथ पंडाल का निर्माण पश्चिम बंगाल के कारीगर करेंगे। पूजन के लिए आचार्य प्रिंस पाण्डेय वाराणसी एवं रवि रंजन पांडेय गिरिहिंडा के होंगे।
पुरातन परंपरा का निर्वहन
विशालकाय माता की प्रतिमा पर चांदी का मुकुट होगा, जबकि अन्य साज सज्जा सोने का होगा। वहीं, अन्य माता की प्रतिमा पर चांदी का मुकुट से लेकर अन्य साज सज्जा चांदी का होगा।मां दुर्गा की वैष्णवी पद्धति से पूजा होगी, जबकि जलभरी मिठ्ठी कुआं गिरिहिंडा से की जाएगी, बेलभरनी पुरानी डाक बंगला स्थित खेरी पोखर में होगी और विसर्जन खेरी पोखर में होगी।
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