KK Pathak: शिक्षकों के बाद छात्रों को नहीं भाया शिक्षा विभाग का नया आदेश, सड़क पर उतरे विद्यार्थी; ये है मामला
KK Pathak बच्चों को केके पाठक के शिक्षा विभाग का आदेश नहीं भाया है। शेखपुरा में भारी संख्या में छात्र सड़क पर उतर गए। प्रशासन और पुलिस ने विद्यार्थियों को समझाकर सड़क जाम समाप्त कराया। बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों ने भदौस मोड़ के पास शेखपुरा-लखीसराय राजकीय राजमार्ग पर खुली धूप में सामूहिकधारणा देकर आवागमन को बाधित किया।
जागरण संवाददाता, शेखपुरा। रोज नए-नए आदेश-निर्देश से शिक्षकों तथा अपने कर्मियों को असहज कर रहे शिक्षा विभाग ने अब विद्यार्थियों को मुश्किल में डालने लगा है।
शिक्षा विभाग के इसी नए आदेश के खिलाफ सोमवार को शेखपुरा में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं आंदोलन खड़ा कर दिया और मुख्य सड़क पर जाम लगाकर घंटों आवागमन को बाधित किया। बाद में प्रशासन और पुलिस ने विद्यार्थियों को समझाकर सड़क जाम समाप्त कराया।
बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों ने भदौस मोड़ के पास शेखपुरा-लखीसराय राजकीय राजमार्ग पर खुली धूप में सामूहिकधारणा देकर आवागमन को बाधित किया। ये विद्यार्थी शेखपुरा तथा घाटकुसुंभा प्रखंडों के विभिन्न पंचायतों के थे।
आंदोलन में शामिल विद्यार्थियों में काजल कुमारी, संजुला सिंहा, सिहंता कुमारी, संजना कुमारी, शाश्वत कुमार, कुंदन कुमार, विपिन कुमार आदि ने शिक्षा विभाग और सरकार पर आरोप लगाया रोज नए-नए आदेश,निर्देश लागू करके सरकारी शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद किया जा रहा है।
क्यों आक्रोशित हैं विद्यार्थी
विद्यार्थियों ने बताया नौवीं और ग्यारहवीं कक्ष में नामांकन को लेकर शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को अपने गृह पंचायत की सीमा में ही बांध दिया है। शिक्षा विभाग के नए आदेश के मुताबिक विद्यार्थी जिस पंचायत के विद्यालय से आठवीं या दसवीं पास किया है, अब आठवीं या ग्यारहवीं में उसी पंचायत के विद्यालय में नामांकन कराएंगे।अब अगर विद्यार्थी बाहर के किसी अच्छे विद्यालय में पढ़ाई करना चाहता है तो उनका नामांकन बाहर के विद्यालय में नहीं होगा। नामांकन की इस नई व्यवस्था को लेकर रोज विद्यालयों में हंगामे की स्थिति है। शिक्षकों और अभिभावकों में भी विवाद हो रहे हैं।
विद्यार्थियों ने इस व्यवस्था को बदलने की मांग करते हुए कहा कई गांवों की भौगोलिक स्थिति ऐसी है,जिसमें अपने पंचायत के उच्च विद्यालय जाने में उन्हें दो से ढाई किमी की रोज यात्रा करनी पड़ेगी और पड़ोस के पंचायत के विद्यालय जाने में कुछ कदम ही चलना पड़ेगा।
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