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Shekhpura News: शेखपुरा के लोगों के लिए खुशखबरी..., 3 वर्ष बाद टाटी नदी में आया पानी; मजा करते दिखे बच्चे

Shekhpura News तीन वर्षों के सूखे के बाद शनिवार की शाम शेखपुरा की टाटी नदी में पानी आया। इससे पहले लगातार तीन वर्ष तक बरसात में भी यह नदी सूखी पड़ी थी। टाटी नदी में पानी आने से दर्जनों गांवों के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है। इससे पहले सावन महीने में भी इस नदी के सूखी रहने से किसानों में मायूसी छाई हुई थी।

By arbind kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sun, 11 Aug 2024 04:31 PM (IST)
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शेखपुरा में तीन साल बाद टाटी नदी में आया पानी (जागरण)
जागरण संवाददाता, शेखपुरा। Shekhpura News: शेखपुरा के लोगों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल, यहां टाटी नदी में 3 साल बाद पानी आया है। जिसके बाद गांव के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई।टाटी में पानी आने से अब नदी किनारे के गांवों में धान की रोपनी होने के साथ फसल की सिंचाई में भी काफी मदद मिलेगी।

इस बाबत सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता सुरेंद्र दास ने बताया टाटी नदी में अभी 6 फीट पानी आया है। झारखंड राज्य में अच्छी वर्षा होने से टाटी में पानी आया है। टाटी नदी पर शेखपुरा में बने बराज के एक गेट को अभी खोला गया है और यहीं से नहर में पानी भी दिया जा रहा है।

टाटी नदी में ऊपर से पानी आने की गति पर लगातार नजर रखी जा रही है। इधर किसानों ने टाटी नदी में आए पानी को रोककर रखने की व्यवस्था की मांग की है। किसानों सुरेंद्र यादव,सूबेलाल यादव,मुनेश्वर सिंह,सुधीर सिंह आदि ने बताया कई वर्षों के बाद टाटी नदी में आए पानी को रोककर रखने की व्यवस्था सिंचाई विभाग करे,ताकि धान की फसल होने की गारंटी हो सके।

रमनुबीघा में 3 वर्ष बाद धान रोपनी

सदर प्रखंड के मेहूस पंचायत के रमनुबीघा गांव में इस बार 3 वर्षों के बाद धान की रोपनी हुई है। किसान सुधीर सिंह ने बताया इसके पीछे रोचक कहानी है। बताया गांव में सबसे बड़े किसान के रूप में नंदू सिंह धान की रोपनी शुरू करते थे,तब बाकी किसान धान रोपते थे।

चार वर्ष पहले नंदू सिंह से पहले कोई दूसरे किसान ने धान की रोपनी कर ली,जिसकी वजह से नंदू बाबू ने अपने धान की रोपनी नहीं की। उसके बाद तीन वर्षों तक गांव में किसी किसान ने धान की रोपनी नहीं की। इस वर्ष गांव के किसान शैलेंद्र सिंह ने महारानी स्थान में पूजा-पाठ करके धन की रोपनी शुरू की,तब सभी किसानों ने धान रोपनी का कार्य शुरू किया है। इससे पहले 3 वर्ष गांव में 400 बीघा खेत परती रहा।

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