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हर साल बाढ़ की विभीषिका से जूझती हजारों की आबादी, चचरी पुल के सहारे होता आवागमन

सुरसंड में हर साल बरसात आते ही रातो ऑक्सी व जंघा नदी के उफान से कोरियाही गांव सहित आसपास के गांवों में बसे हजारों की आबादी इसकी चपेट में आ जाती है। लोग किसी तरह से बचाव के विकल्प की तलाश में अभी से लग गए हैं। आवागमन को सुचारू रखने के लिए वैकल्पिक रुप से चचरी सहित अन्य प्रकार के उपाय करने में लग गए हैं।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 11 Jan 2021 11:47 PM (IST)
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हर साल बाढ़ की विभीषिका से जूझती हजारों की आबादी, चचरी पुल के सहारे होता आवागमन

सीतामढ़ी । सुरसंड में हर साल बरसात आते ही रातो, ऑक्सी व जंघा नदी के उफान से कोरियाही गांव सहित आसपास के गांवों में बसे हजारों की आबादी इसकी चपेट में आ जाती है। लोग किसी तरह से बचाव के विकल्प की तलाश में अभी से लग गए हैं। आवागमन को सुचारू रखने के लिए वैकल्पिक रुप से चचरी सहित अन्य प्रकार के उपाय करने में लग गए हैं। सबसे विकट स्थिति सुरसंड प्रखंड के कोरियही, सेमुआ, भेमुआ, दिवारी, मतौना, सिमियाही, चोरौत प्रखंड के जदूपट्टी, सिमरी, चंद्रसेना, परिगमा, सपहा, सहित कई गांवों के आलावा मधुबनी जिले के मधवापुर प्रखंड के बासुकी, बिहारी, साहरघाट, बेलवा, बलवा, पीरौखर सहित दर्जनों गांव के वाशिदों की है। इन गांव के लोगों की जिदगी चचरी पुल के सहारे ही कटती है। जबकि कइ वर्षों से यातायात का साधन चचरी ही है। कई गांवों जाने वाली पथ में हरही नदी के चचरी पुल पार कर आते जाते है। स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से प्रतिवर्ष चचरी पुल का निर्माण कराया जाता है। कोरियाही गांव के अगल-बगल के कई गांवों के 20 हजार की आबादी इसी चचरी पुल को पार कर प्रखंड मुख्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, थाना, हाट बाजार जाती है। इतना ही नहीं बरसात के शुरूआती दिनों में ही इस पथ की स्थिति नारकीय हो जाती है। अन्य जगहों पर भी आवागमन का सहारा चचरी पुल ही बना हुआ है। वार्ड सदस्य सह समाजसेवी माजिद अंसारी बताते हैं हरही नदी पर पुल नहीं होने के कारण प्रसव के लिए सुरसंड सीएससी ले जाने में महिलाओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। क्या कहते हैं लोग: कोरियाही गांव निवासी समाजसेवी अशोक महतो बताते हैं कि हरही नदी के पुल बनने की आस में कई बुजुर्ग स्वर्ग सिधार गए। लेकिन आज तक कोई पुल नहीं बना। कोरियाही गांव निवासी समाजसेवी सह वार्ड सदस्य बेकल झा उर्फ विधायक ने बताया कि डेढ़ दशक से यह पुल के हरही नदी में नहीं होने के कारण हम लोगों के अलावा आसपास के दर्जनों गांव लोगों को काफी कठिनाई होती है । साधारण यदूपट्टी बाजार जाने के क्रम में 7 किलोमीटर की घूम कर के हम लोगों को जाना पड़ता है। कोरियाही पंचायत के उप मुखिया रामसुंदर पंडित बताते हैं कि एक बार चचरी पुल बनवाने में 300 बांस सहित अन्य सामाग्री समेत मजदूरों पर लगभग एक लाख रुपये खर्च होता है। नवंबर से जून तक आठ महीने चचरी पुल का उपयोग करने के बाद बरसात के समय जब नदी में उफान आती है तो चचरी पुल नदी की तेज धारा में बह जाता है। पंचायत समिति सदस्य हबीबुल्लाह कहते हैं वे लगातार तीन बार कोरियाही पंचायत के पंचायत समिति सदस्य पद पर निर्वाचित हुआ। बार-बार हरही नदी पर पुल निर्माण के लिए सांसद विधायक से गुहार लगाते रहे व पंचायत समिति की बैठक में लगातार प्रस्ताव दिया जाता रहेा। बावजूद आज तक पुल का निर्माण नहीं हुआ। कोरियाही पंचायत के पंचायत समिति सदस्य विमलेश नारायण झा बताते हैं कि विधायक दिलीप राय ने जनता से रूबरू होने के लिए कोरियाही गांव पहुंचे तो मैं हरही नदी पर पुल निर्माण का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जल्द ही हरही नदी पर पुल निर्माण कराया जाएगा । कहते हैं विधायक

सुरसंड विधायक दिलीप राय ने कहा कि हरही नदी पर पुल नहीं होने के कारण लोगों को काफी कठिनाई हो रही थी। इसको लेकर उस स्थल का निरीक्षण किया। इस जगह पर पुल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूर्व के जनप्रतिनिधि यह उदासीनता के कारण यह पुल निर्माण नहीं हो पाया है।

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