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ऑटोमेटिक पोटैटो प्लांटर मशीन की सहायता से आलू की बुआई कर सकेंगे किसान

सीतामढ़ी। कृषि में यांत्रीकरण किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 04 Dec 2021 11:14 PM (IST)
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ऑटोमेटिक पोटैटो प्लांटर मशीन की सहायता से आलू की बुआई कर सकेंगे किसान

सीतामढ़ी। कृषि में यांत्रीकरण किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। अन्य फसलों की तरह अब किसान आलू की खेती भी आधुनिक तरीके से कर सकेंगे। इसके लिए पुपरी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जलवायु अनुकूल खेती के तहत ऑटोमेटिक पोटैटो प्लांटर मशीन की सहायता से आलू के बुआई की शुरुआत की गई। केंद्र के अनुदेशित प्रक्षेत्र पर किए गए प्रदर्शन के दौरान वरीय वैज्ञानिक डॉ. राम ईश्वर प्रसाद ने बताया कि यह एक अत्याधुनिक मशीन है जिसके द्वारा आलू की बुआई, उर्वरक का प्रयोग के साथ-साथ मेड़ का भी निर्माण साथ में हो जाता है। जिस कारण मजदूरी की काफी बचत होती है। बताया कि इस विधि से आलू की खेती करने पर आलू का बीज निर्धारित गहराई पर गिरता है और मशीन द्वारा ही उसके ऊपर मिट्टी चढ़ा दी जाती है। इस वजह से आलू के अंकुरण क्षमता में भी वृद्धि होती है। डॉ. प्रसाद ने बताया कि इस विधि से आलू की बुआई करने में प्रति एकड़ 2 घंटे का समय लगता है। जिसका अनुमानित खर्च 2000 रुपये है, जबकि मजदूर के द्वारा बुआई करने और मेड़ बनाने में प्रति एकड़ लगभग 15 मजदूर लगता है। जिसमें 5000 रुपये खर्च होता है। कुल मिलाकर पोटैटो प्लांटर से खेती करने पर प्रति एकड़ 6 से 7 हजार रुपये की बचत की जा सकती है। इससे कम समय में अधिक से अधिक आलू की बुआई हो सकती है। इससे समय और पैसे की बचत होगी। वही, उत्पादन भी बेहतर होगा। बताया गया किअभी इसकी शुरुआत सुरसंड प्रखंड के 5 गांव से की गई है। मशीन से हो रही बुआई के तरीके से किसानों में हर्ष देखा गया। मौके पर विनय कुमार, रमण कुमार, सुशील कुमार, निक्की कुमारी, प्रतिभा कुमारी, रौशन कुमार समेत दर्जनों किसान मौजूद थे।

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