Bihar Teacher News: 18 साल से कर रहे अवैध रूप से शिक्षक की नौकरी, अब खुला राज; 2 टीचरों पर होगी प्राथमिकी
बिहार में शिक्षक भर्ती घोटाला एक बार फिर चर्चा में है। इस बार दो शिक्षकों के शिक्षक प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। दोनों शिक्षकों ने जॉइनिंग के दौरान एक ही संस्थान के प्रमाण-पत्र जमा किए थे। इस संबंध में उक्त संस्थान ने निगरानी डीएसपी को रिपोर्ट किया है। जिसमें बताया गया है कि दोनों के प्रमाण पत्र उनके संस्थान से निर्गत नहीं हैं।
जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी। एक बार फिर जिले के दो शिक्षकों के शिक्षक प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। इन दोनों शिक्षकों ने नियोजन के दौरान एक ही संस्थान (गुवाहाटी, असम) के प्रमाण-पत्र जमा किए थे। उक्त संस्थान ने निगरानी डीएसपी को रिपोर्ट किया है कि इन दोनों के प्रमाण पत्र उनके संस्थान से निर्गत नहीं है।
रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद निगरानी के वरीय डीएसपी कन्हैया लाल ने बथनाहा एवं बेलसंड थाना पुलिस को आवेदन देकर इन शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की है।
बताया गया है कि निगरानी डीएसपी द्वारा बथनाहा एवं बेलसंड पुलिस को प्राथमिकी में दिए गए आवेदन के अनुसार,बथनाहा प्रखंड के मिडिल स्कूल पोखड़भिड़ा के शिक्षक सुशील कुमार के खिलाफ प्राथमिकी होनी है। सुशील मूल रूप से रीगा थाना के रेवासी के निवासी हैं।
2008 में दोनों शिक्षक हुए थे नियुक्त
वहीं, बेलसंड थाना में दिए गए आवेदन में रुन्नीसैदपुर के महिंदवारा के नेउरी निवासी प्राथमिक विद्यालय भड़वारी डोम टोला के शिक्षक सुबोध कुमार है। उक्त दोनों शिक्षक करीब 16 से 18 वर्षों से अवैध रूप से नौकरी कर रहे हैं। दोनों वर्ष 2008 में नियोजित हुए थे।
बताया गया है कि गुवहाटी की संस्थान ने रिपोर्ट किया है कि उक्त दोनों शिक्षक किसी भी संस्थान से पास नहीं हैं। उनका संस्थान से प्रशिक्षण प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया गया है।
दिए गए आवेदन में डीएसपी ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2006 से 18 मई 2015 तक नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक पत्रों की जांच की जा रही है। इसकी जिम्मेवारी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना को दी गई है। जांच में सीतामढ़ी जिले के दो शिक्षको का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है।
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