बिहार के बथनाहा प्रखंड में 7 शिक्षक/शिक्षिकाओं को फर्जी शैक्षणिक/प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी पाने के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। ये सभी 1 से डेढ़ दशक तक नौकरी कर चुके हैं। निगरानी विभाग की जांच में इनके प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए। इनमें से 4 के खिलाफ पिछले वर्ष और 3 के खिलाफ इस वर्ष प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
संवाद सहयोगी, सीतामढी। फर्जी शैक्षणिक/प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी हासिल कर लेने वाले दो शिक्षक व पांच शिक्षिका को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। ये सभी बथनाहा प्रखंड के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत थे।
खास बात यह कि जिस नियोजन इकाई द्वारा इन अवैध शिक्षकों को बहाल किया गया था, उसी ने सेवा से बाहर का रास्ता दिखाया है। ये सभी अवैध शिक्षक एक से डेढ़ दशक तक नौकरी किए है। वर्षों बाद निगरानी विभाग को पता चला था कि इन सभी के प्रमाण-पत्र अवैध है।
दो शिक्षक के प्रमाण पत्र पाए गए
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में निगरानी विभाग द्वारा नियोजित शिक्षकों/शिक्षिका के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की जांच की जा रही है। इसी जांच के सिलसिले में बथनाहा प्रखंड के दो शिक्षक व पांच शिक्षिका के प्रमाण-पत्र फर्जी पाए हैं।
इनमें से चार के खिलाफ पिछले वर्ष, तो तीन के खिलाफ चालू वर्ष 2024 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। बताया गया है कि बथनाहा प्रखंड नियोजन इकाई को उक्त शिक्षक व शिक्षिका को सेवा से मुक्त करने की कार्रवाई में डेढ़ वर्ष लग गए हैं।
इन शिक्षिकों के खिलाफ हुई कार्रवाई
जिनके खिलाफ उक्त कार्रवाई की
गई है, उनमें मवि, सिरसिया के राम पुकार राय, पूनम कुमारी, मवि नरहा की सुनिला सिन्हा, मवि मनरिया की ममता कुमारी, मवि छतवागढ़ की सुनीता कुमारी, मवि, कोइली के संजय कुमार व मवि शाहपुर शीतलपट्टी की ललिता कुमारी शामिल हैं।
शिक्षक राय का नियोजन वर्ष 2007 में, तो अन्य सभी का 2010 में हुआ था।
अंतिम दिन 300 शिक्षकों ने जमा किया आवेदन
मधुबनी में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में सोमवार को अंतिम दिन काउंसलिंग को लेकर जिले के 300 सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों ने अपना आवेदन जमा किया है।बता दें कि जिला के 640 प्रथम सक्षमता पास शिक्षकों का प्रमाण पत्र संदेहास्पद पाया गया था। उन शिक्षकों का फिर से नवंबर में काउंसलिंग होना है। इसलिए विभाग ने आवेदन जमा करने का निर्देश दिया था।
जिला शिक्षा पदाधिकारी जावेद आलम ने बताया कि निदेशक माध्यमिक शिक्षा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि जिन शिक्षकों का काउंसलिंग नही पाया उनका फिर से काउंसलिंग किया जाएगा। इसको लेकर गाइडलाइन भी जारी किया गया है।वहीं, जिन शिक्षकों का प्रमाण पत्र संदिग्ध पाया गया है, उन्हें सही प्रमाण पत्र पोर्टल पर अपलोड करने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की तरफ से सॉफ्टवेयर में विकल्प प्रदान किया गया है।
साथ ही पोर्टल पर शिक्षक के द्वारा पहले अपलोड किए गए प्रमाण पत्रों को वैसे ही रखा जाएगा। नवंबर के अंतिम सप्ताह में उन शिक्षकों को फिर से काउंसिलिंग का मौका दिया जाएगा।
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