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KK Pathak के दौरे को लेकर खौफ में था महकमा, पर जब मिले तो दिल से चला गया डर; सबने ने उतारी आरती; देखें PHOTO

केके पाठक गुरुवार रात तकरीबन साढ़े नौ बजे सीतामढ़ी पहुंचे। केके पाठक सीधे डायट भवन पहुंचे। यहां डीएम मनेश कुमार मीणा ने उनका स्वागत किया। उन्होंने आवासीय प्रशिक्षण ले रहे बीपीएससी से आए शिक्षकों के साथ बैठक की। केके पाठक के यहां पहुंचने से पहले भले ही शिक्षकों एवं पदाधिकारियों में उनको लेकर खौफ रहा हो मगर उनकी बातें सुनने के बाद वो सब डर-भय मन से जाता रहा।

By Mukesh Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 29 Dec 2023 12:08 AM (IST)
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अपर सचिव केके पाठक का स्वागत करते डीएम मनेश कुमार मीणा व अन्य। जागरण
जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी। शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव का पदभार संभालने के बाद से पहली बार केके पाठक गुरुवार रात तकरीबन साढ़े नौ बजे सीतामढ़ी पहुंचे। शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानि डायट भवन में वे सीधे पहुंचे। यहां डीएम मनेश कुमार मीणा ने उनका स्वागत किया।

इस दौरान पाठक ने डायट भवन की व्यवस्था का जायजा लिया। इसके बाद आवासीय प्रशिक्षण ले रहे बीपीएससी से आए शिक्षकों के साथ बैठक की। उनको पढ़ाई के तौर-तरीकाें के बारे में अपनी ओर से बताया। उनकी बातें भी सुनी। उनके दौरे से पहले शिक्षा विभाग के तमाम पदाधिकारी तैयारी में अपनी ओर से कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाह रहे थे।

के के पाठक के आने की सूचना मात्र से पूरा महकमा किस कदर खौफ में है, इसकी बानगी उनके सीतामढ़ी दौरे पर दिखाई पड़ी है। इसके पहले केके पाठक काफी साल पहले बाढ़ का जायजा लेने सीतामढ़ी आए थे। वैसे तो पूरे दिन उनके स्वागत-अभिनंदन की तैयारी में सभी जुटे रहे।

के के पाठक के यहां पहुंचने से पहले भले ही शिक्षकों एवं पदाधिकारियों में उनको लेकर खौफ रहा हो, मगर उनकी बातें सुनने के बाद वो सब डर-भय मन से जाता रहा। उन्होंने एक गुरु और मित्र की तरह सबका मार्गदर्शन किया और अपनत्व का भाव दिखाकर सबका दिल जीत लिया।

इस दौरान, मिजोरम की प्रतिभागी अनुपमा राय से उन्होंने यहां की पढ़ाई-लिखाई को लेकर बात की। स्कूलों में पठन-पाठन की लचर-व्यवस्था को लेकर उनकी तरफ से सख्ती बरते जाने के बाद से कड़क अधिकारी की उनकी छवि चर्चा में है। इसको लेकर कुछ लोगों के मन में डर का भाव रहता है।

आप मन से पढ़ाइए, बच्चों को नेक बनाइए

इस दौरान के के पाठक शिक्षकों को कहा कि आप कल्पना करिए जिन बच्चों को पढ़ाने के लिए आपको जिम्मेदारी मिली है अगर उनको नहीं पढ़ाएंगे तो, उनके भविष्य का क्या होगा। स्कूल में पढ़ाने के सिवा दूसरी कोई बात नहीं करनी है, कोई संघ-संगठन नहीं बनाना है।

आपके हाथ मे है भारत का भविष्य

के के पाठक ने आगे कहा कि जरा सोचिए गांवों में आज भी कई माता-पिता ऐसे हैं, जो पढ़े-लिखे नहीं हैं। उनके बच्चों को अगर आप सही ढंग से नहीं पढ़ाएंगे तो उनका करियर व भविष्य दोनोंं ही चौपट हो जाएगा। इस प्रकार भारत का भविष्य आप शिक्षकों के हाथ में है।

जागरूकता का दें संदेश

इस दौरान उन्होंने शिक्षकों से पढ़ाई के साथ स्कूला की साफ-सफाई और अनुशासन आदि पर ध्यान देने की अपील की। के के पाठक ने कहा कि बच्चों को बताएं कि सरकार हर सुविधा दे रही है, स्कूल आने में जरा भी कोताही नहीं बरतें। शिक्षक-अभिभावक की गोष्ठी कराकर जागरूकता का संदेश दीजिए।

गांव-शहर में कोई फर्क नहीं

इस दौरान डीएम ने भी बीपीएससी शिक्षकों को इस बात की सलाह दी कि जिस तरह आप लोगों ने पढ़ाई कर यहां तक का सफर पूरा किया ठीक वैसे ही बच्चों पर भी ध्यान दीजिएगा।

आप लोगों को अपना बचपन याद करना चाहिए जब आप लोगों ने स्कूलों में पढ़ाई की होगी, तभी आपके शिक्षक अगर ठीक ढंग से नहीं पढ़ाए होते, तो शायद आज आप लोग भी पढ़ाने के योग्य नहीं होते।

डीएम ने यह भी शिक्षा दी कि गांव-शहर में कोई फर्क नहीं करना चाहिए। जहां मौका मिलता है वहां मनोयोग से पढ़ाएं और बच्चों को नेक बनाएं।

ये अधिकारी भी रहे मौजूद

केके पाठक के निरीक्षण दौरे के दौरान वरीय आधिकारी रविशंकर सिंह, सदर एसडीओ प्रशांत कुमार, डीईओ प्रमोद कुमार साहू, डीपीओ सर्वशिक्षा अभियान सुभाष कुमार, माध्यमिक शिक्षा रिशु राज सिंह, डा. अमरेंदर पाठक, डायट प्राचार्या अर्चना कुमारी मौजूद रहे। 

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