Kolkata Doctor Murder Case: सीतामढ़ी के डॉक्टरों ने नहीं रोका मरीजों का इलाज, हड़ताल पर रहते हुए भी दी सेवाएं
कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ हुई दरिंदगी के खिलाफ देशभर के डॉक्टर इन दिनों हड़ताल पर चल रहे हैं। इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी सेवाएं ठप पड़ी हुई हैं। हालांकि सीतामढ़ी के सदर अस्पताल में चिकित्सकों ने इलाज ठप नहीं किया है। डॉक्टर यहां पूरी तत्परता के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइन देखने को मिल रही है।
संवाद सूत्र, सीतामढ़ी। कोलकाता में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म एवं हत्या के खिलाफ चिकित्सक जगत में भारी नाराजगी है। डॉक्टरों में काफी गुस्सा है।
लेकिन, सीतामढ़ी के लिए राहत की बात यह है कि सदर अस्पताल में विरोध में चिकित्सकों ने इलाज ठप नहीं किया है।
डॉक्टर यहां पूरी तत्परता के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
देशभर में डॉक्टर्स विरोध प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। कोलकाता में युवा महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म कर निर्मम हत्या करने एवं बुधवार की रात्रि आंदोलनरत चिकित्सकों पर हमले के विरोध में आईएमए के आह्वान पर चिकित्सकों ने 17 अगस्त की सुबह 6 बजे से 24 घंटे की हड़ताल पर रहने की बात कही है।
आईएमए पदाधिकारियों ने क्या कहा?
आईएमए अध्यक्ष डॉ. निर्मल कुमार गुप्ता, सचिव डॉ. एसके वर्मा और कोषाध्यक्ष डॉ. प्रतिमा आनंद ने कहा कि राष्ट्रीय आइएमए के आह्वान पर ओपीडी सेवा एवं सामान्य कार्यों का बहिष्कार करने का फैसला लिया गया है, जिसमें आकस्मिक सेवा बहाल रहेगी।
डॉक्टरों ने काली पट्टी बांध किया मरीजों का इलाज
उन्होंने कहा कि आईएमए सीतामढ़ी इस जघन्य हत्या की घोर भर्त्सना करती है और चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए बिल लाने की मांग करती है।
इस एलान के बावजूद सीतामढी सदर अस्पताल से लेकर निजी क्लीनिक तक चिकित्सक अपनी-अपनी ड्यूटी में तैनात दिखे।
वहीं, कुछ चिकित्सक काली पट्टी बांधकर विरोध प्रकट करते हुए कार्य करते हुए दिखाई पड़े।
भासा के द्वारा सांकेतिक विरोध का आह्वान किया गया था। राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सकों के द्वारा दो दिवसीय सामान्य ओपीडी और सामान्य कार्य का बहिस्कार किया गया है, आपात सेवा को छोड़कर।
क्या कहती हैं सदर अस्पताल उपाधीक्षक
इस बाबत पूछे जाने पर सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ. सुधा झा ने बताया कि एसोसिएशन के आह्वान पर कार्य बहिस्कार किया गया है। लेकिन, मरीजों की संख्या देखते हुए सांकेतिक विरोध प्रकट करते हुए कुछ चिकित्सक मरीज की सेवा में लगे हुए हैं।