Amit Shah: 'बेटे को CM बनाने के लिए लालू कांग्रेस की गोद में बैठे', अमित शाह का दावा
केंद्रीय गृहमंत्री ने पिछड़ा-अति पिछड़ा को आरक्षण नहीं मिलने के लिए लालू प्रसाद एवं कांग्रेस को जिम्मेवार ठहराया। नरेंद्र मोदी आए उन्होंने पिछड़ा वर्ग आयोग बनाकर उसको संवैधानिक मान्यता देने का काम किया। अमित शाह ने कहा मैं लालू प्रसाद को कहना चाहता हूं कि सालों से पिछड़ा वर्ग की राजनीति कर रहे हैं मैं जानता हूं कि आप बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं।
संवाद सहयोगी, सीतामढ़ी। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह गुरुवार को जानकी जन्मभूमि सीतामढ़ी की धरती पर चुनावी सभा में खूब गरजे। उनकी गरज पर खूब तालियां बजी। एनडीए प्रत्याशी देवेश चंद्र के समर्थन में उन्होंने सभा की और उनकी जीत के लिए वोट देने की अपील की।
सीतामढ़ी शहर के बीचोबीच एसआरके गोयनका कॉलेज में शाह के भाषण को सुनकर भीड़ जय सिया राम जय जय सियाराम का नारा लगाने लगी। इस बीच उन्होंने उनके उत्साह को यह कहकर और बढ़ा दिया कि मुझे बताओ जरा सीतामढ़ी वालों ये कश्मीर जो है वो हमारा है या नहीं है? ऐसा जोर लगाकर बोलिए कि कश्मीर तक आपकी आवाज पहुंचे। कश्मीर से धारा 370 हटनी चाहिए या नहीं? पाक अधिकृत कश्मीर हमारा है या नहीं है?
'मैं आज सीता माता की धरती पर...'
अमित शाह बोले, "मैं आज सीता माता की धरती पर कहकर जाता हूं कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है, रहेगा, हम वो लेकर रहेंगे।" उन्होंने कहा कि देश से नक्सलवाद समाप्त हो चुका है, बचा-खुचा छत्तीसगढ़ में है उसको भी दो साल के अंदर समाप्त कर देंगे। भारत-नेपाल की सीमा पर अतिक्रमण हो रहा है उसको सुरक्षित करना अगली सरकार में नरेंद्र मोदी की सरकार की प्राथमिकता है।केंद्रीय गृहमंत्री ने पिछड़ा-अति पिछड़ा को आरक्षण नहीं मिलने के लिए लालू प्रसाद एवं कांग्रेस को जिम्मेवार ठहराया। नरेंद्र मोदी आए उन्होंने पिछड़ा वर्ग आयोग बनाकर उसको संवैधानिक मान्यता देने का काम किया। केंद्रीय संस्थाओं में ओबीसी का आरक्षण नहीं था। मोदी जी ने नीट, सैनिक स्कूल से लेकर सभी परीक्षाओं में आरक्षण देने का काम किया।अमित शाह ने कहा, "मैं लालू प्रसाद को कहना चाहता हूं कि सालों से पिछड़ा वर्ग की राजनीति कर रहे हैं, मैं जानता हूं कि आप बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, मगर सत्ता की ललक इतनी भी क्या कि आप उसके लिए पिछड़ा वर्ग की विरोधी कांग्रेस पार्टी की गोद में जाकर बैठ गए"।
'अयोध्या के बाद सीतामढ़ी की बारी'
अमित शाह ने कहा कि पांच सौ साल से रामलला टेंट में बैठे थे, बाबर के जमाने में राम मंदिर को तोड़ा गया। मुझे बताओ सीतामढ़ी वालो राम मंदिर बनना चाहिए था या नहीं? ये कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल कई साल तक राम मंदिर के प्रश्न को लटकाते रहे। मोदी जी को बिहार वालों आपने दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाया तो उन्होंने केस भी जीता, भूमि पूजन किया और 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा करके जयश्री राम कर दिया। वहां मोदी जी ने सियाराम का नारा दिया। माता सीता का नाम जोड़कर भक्ति और समर्पण का नारा दिया-जय सिया राम। जब प्राण-प्रतिष्ठा होनी थी लालू प्रसाद और उनके बेटे, खड़गे जी, राहुल बाबा सबको निमंत्रण दिया गया मगर कोई नहीं गया। आप सीतामढ़ी वालों पूछना जरा उन लोगों से क्यों नहीं गए?
अमित शाह ने कहा कि मैं आप लोगों को विश्वास दिलाकर जाता हूं कि न केवल भारत, न केवल बिहार, न केवल पूर्वांचल, न केवल सीमांचल, मिथिलांचल बल्कि पूरी दुनिया का आकर्षण का केंद्र हमारा सीतामढ़ी बने ऐसा भव्य मंदिर बनाने का काम हम करेंगे।ये भी पढ़ें- Rohini Acharya Nomination: क्या रद्द हो जाएगा रोहिणी आचार्य का नामांकन? पटना हाई कोर्ट में दायर हुई याचिका
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