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Expressway In Bihar: बिहार को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, इन 8 जिलों में बनेगा एक्सप्रेस-वे; कोलकाता जाना होगा आसान

Bihar New Express Way बिहार को मोदी सरकार (Modi Government) ने एक और एक्सप्रेस-वे की सौगात दे दी है। अब सीतामढ़ी और रक्सौल से कोलकाता जाना आसान हो जाएगा। बता दें कि यह एक्सप्रेस-वे नेपाल के सीमावर्ती रक्सौल से शुरू होकर शिवहर सीतामढ़ी मुजफ्फरपुर समस्तीपुर बेगूसराय लखीसराय जमुई और बांका से निकलेगी। इससे आर्थिक फायदा होने का भी अनुमान है।

By Jagran NewsEdited By: Mukul Kumar Published: Wed, 03 Jul 2024 03:22 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2024 03:22 PM (IST)
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी। केन्द्र सरकार ने आवागमन को सुगम बनाने के लिए पिछले दिनों एक बड़ा फैसला लिया। रक्सौल से हल्दिया (कोलकाता) तक एक्सप्रेस वे बनाने की मंजूरी दी। इस फैसले से नेपाल से कोलकाता तक के लोगों को काफी लाभ होगा।

खासकर सीतामढ़ी का सड़क मार्ग से सीधा जुड़ाव कोलकाता तक हो जाएगा। इससे आर्थिक गतिविधियों को काफी बल मिलेगा। बता दें कि तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी का यह बहुत बड़ा तोहफा सीतामढ़ी समेत बिहार, झारखंड एवं पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए है।

नेपाल से कोलकाता को सीधा जोड़ने के लिए एक्सप्रेस वे बनाने की मंजूरी केन्द्र सरकार ने दे दी है। नेपाल के सीमावर्ती रक्सौल से शुरू होकर शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई और बांका से गुजरेगी।

यह एक्सप्रेस वे कोलकाता के हल्दिया बंदरगाह तक जाएगी। यानी कोलकाता से नेपाल के लिए बेहतर कनेक्टिविटी मिल जाएगी। कोलकाता के बंदरगाह से सड़क मार्ग से माल सीधा नेपाल तक पहुंच जाएगा। वहीं, नेपाल से कोलकाता तक चला जाएगा। इसका फायदा सीतामढ़ी समेत उत्तर बिहार के कई जिलों को मिलेगा।

भारतमाला श्रृंखला-2 के तहत कराया जाएगा निर्माण

इस एक्सप्रेस का निर्माण भारतमाला श्रृंखला-2 के तहत कराया जाएगा। 695 किलोमीटर लंबी इस सड़क के बन जाने से सड़क मार्ग से आवागमन काफी सुगम हो जाएगा। माल की ढ़ुलाई भी आसान होगी। समय की बचत तो होगी ही, पैसे भी कम खर्च होंगे।

हल्दिया बंदरगाह पर विश्व के कई देशों से समुद्र के रास्ते माल का आयात एवं निर्यात होता है। ऐसे में इस सड़क के बन जाने से आर्थिक गतिविधियां काफी बढ़ जाएंगी। बेहतर कनेक्टिविटी मिलने से एक्सप्रेस वे के किनारे भी ढेर सारे होटल, रेस्त्रां, माल, फैक्ट्रियां आदि लग जाएंगी। जिससे आर्थिक तरक्की में मदद मिलेगी।

एक्सेस कंट्रोल का रखा गया है ध्यान

यह एक्सप्रेस वे पूरी तरह से एक्सेस कंट्रोल्ड होगी, जिससे बाहरी जानवर अंदर न आ सकें। इसके निर्माण में एक्सीडेंटल कंट्रोल को ध्यान में रखते हुए अधिकतम स्पीड लिमिट 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है।

भारतमाला परियोजना के तहत बने इस एक्सप्रेसवे में लगभग सभी मार्ग एक्सेस कंट्रोल्ड हैं, जो आमतौर पर हाईस्पीड वाहनों के लिए तैयार किए जाते हैं। इन एक्सप्रेस वे पर धीमी गति वाले वाहनों की अनुमति नहीं होगी।

हल्दिया-रक्सौल एक्सप्रेस वे के निर्माण की डीपीआर को स्वीकृति मिल चुकी है। प्रारंभिक योजना के तहत यह एक्सप्रेसवे 4 से 6 लेन का प्रस्तावित है।

उपमुख्यमंत्री ने खुद दी थी जानकारी

राज्य के उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पिछले दिनों खुद ही इसकी जानकारी मीडिया से साझा की थी। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे टर्म की यह पहली सौगात बिहार, झारखंड एवं पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए है।

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