सीतामढ़ी में मां सीता की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के लिए भूमि पूजन में आएंगे प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति
Bihar News राघोपुर बखरी में रामायण रिसर्च कौंसिल की ओर से होगी माता सीता की अष्टधातु की 251 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित। देश का पहला सांस्कृतिक दूतावास मंदिर परिसर में सभी देवी-देवता तथा रामायण के प्रमुख पात्र दिव्य रूप में होंगे स्थापित।
By Mukesh KumarEdited By: Dharmendra Kumar SinghUpdated: Sat, 19 Nov 2022 07:26 PM (IST)
सीतामढ़ी, संवाद सहयोगी : जानकी जन्मभूमि सीतामढ़ी में रामायण रिसर्च काउंसिल की ओर से स्थापित की जाने वाली माता सीता की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा की स्थापना अगले साल जानकी नवमी या राम नवमी के अवसर पर की जाएगी। यह प्रतिमा 251 फीट ऊंची और अष्टधातु की होगी। मां सीता जी साक्षात महालक्ष्मी हैं इसलिए वे कमल पर विराजमान रहेंगी तथा भगवती के नौ विग्रह रूपों का दर्शन एक साथ प्राप्त होगा। इस पूजनीय ऐतिहासिक प्रतिमा के चारों ओर वृताकार रूप से श्री भगवती सीता की 108 प्रतिमाएं होंगी जो उनके जीवन दर्शन को उल्लेखित करेगी। प्रतिमा की स्थापना के लिए स्थाीय स्तर पर गठित श्री भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति के अध्यक्ष व स्थानीय सांसद सुनील कुमार पिंटू ने शनिवार को यहां प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि प्रतिमा की स्थापना के लिए भूमि का अधिग्रहण कार्य जोरों पर चल रहा है।
251 फीट ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित
भूमि पूजन अगले साल जानकी नवमी या श्रीराम नवमी के अवसर पर किया जाएगा। भूमि पूजन में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू को भी आमंत्रित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने भूमि पूजन में आने की हामी भी भर दी है। डुमरा प्रखंड अंतर्गत राघोपुर बखरी पंचायत में रामायण रिसर्च काउंसिल की ओर से माता सीता की अष्टधातु की 251 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित होगी। इसके लिए 24.39 एकड़ भूमि का एग्रीमेंट काउंसिल ने कर लिया है। राघोपुर बखरी के महंत रामलीला दास ने काउंसिल को कुल 18 एकड़ 40 डिसमिल भूमि दान दी है। वहीं इसके विस्तार के लिए आसपास के किसानों ने भी अपनी भूमि देने पर सहमति जताते हुए करीब छह एकड़ भूमि का एग्रीमेंट किया है। इसमें ढाई एकड़ भूमि बीच में अल्पसंख्यक समाज के मो. निजामुद्दीन की पड़ती है। उन्होंने भी प्रतिमा स्थापना के लिए जमीन दान दी है। जिस जगह माता सीता की प्रतिमा स्थापित होगी वह श्री भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र कहलाएगा। इस क्षेत्र के विकास के लिए 30 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। शेष पांच एकड़ भूमि के लिए भी वार्ता हो रही है। उसका भी एग्रीमेंट शीघ्र हो जाएगा।सांसद ने बताया कि शनिवार को निर्माण स्थल का निरीक्षण किया गया। इस दौरान रामायण रिसर्च काउंसिल के अध्यक्ष चंद्रशेखर मिश्र, अंतरराष्ट्रीय महासचिव कुमार सुशांत के साथ जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर हिमायलन योगी, स्वामी वीरेंद्रानंद जी महाराज, ज्योतिषाचार्य आचार्य संतोष पांडेय, उत्तर प्रदेश व्यापारिक कल्याण बोर्ड के चेयरमैन रविकांत गर्ग, काउंसिल की सीता सखी समिति की संयोजक स्वामी अराध्या सरस्वती, रामायण कथा वाचिका साध्वी लक्ष्मी माता पहुंचे हुए थे। सभी की मौजूदगी में स्थानीय परिसदन में पत्रकार वार्ता आयोजित हुई। जिसमें अध्यक्ष की हैसियत से सांसद ने कहा कि इस स्थल के आसपास की कुल 33.86 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री में 30 लाख रुपये से अधिक का स्टांप शुल्क लग रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निबंधन शुल्क माफ करने की स्वीकृति दी है। बिहार सरकार को प्रस्ताव को भेजा गया है। 31 दिसंबर से पहले एग्रीमेंट की गई भूमि का निबंधन हो जाने का अनुमान है। सांसद ने कहा कि आर्किटेक्ट का कार्य पूरा होने के बाद एस्टीमेट बनेगा और फिर भूमि पूजन का मुहूर्त निकाला जाएगा। इस कार्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री ने भूमि पूजन में आने की इच्छा व्यक्त की है। 2023 में जानकी नवमी या राम नवमी के अवसर पर भूमि पूजन की तैयारी की जा रही है।
देश-विदेश के 51 शक्तिपीठों से लाए जाएंगे मिट्टी, जल व ज्योत
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर हिमायलन योगी स्वामी वीरेंद्रानंद जी महाराज ने कहा कि काउंसिल के मुख्य मार्गदर्शक मध्य प्रदेश नलखेड़ा स्थित मां बागलामुखी मंदिर के संत परमहंस स्वामी सांदिपेंद्र जी महाराज ने माता भगवती सीता की प्राकट्यस्थली सीतामढ़ी को शक्ति स्थल के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है। इसके लिए 51 शक्तिपीठों इंडोनेशिया, बाली, श्री लंका की अशोक वाटिका या ऐसे स्थल, जहां भगवान या शक्ति स्वरूपा गईं हैं, उन स्थलों से मिट्टी, जल व ज्योत लाकर स्थापित किया जाएगा। प्रतिमाओं के दर्शन के लिए इस स्थान को नौका विहार तरीके से विकसित किया जाएगा। इस कार्य को संपन्न कराने के लिए वे 14 जनवरी 2023 से यहां कल्पवास करेंगे।वही, देश के सभी अखाड़ों के साधु-संतों को इसमें सहयोग देने के लिए सीता ज्योत रथ यात्रा निकालेंगे। काउंसिल के अध्यक्ष चंद्रशेखर मिश्र ने कहा कि यहां देश का पहला सांस्कृतिक दूतावास स्थापित किया जाएगा। ऐसे देश जहां से अधिक पर्यटक आते हैं उन देशों के राजदूतों के लिए यहां कमरा उपलब्ध रहेगा। जिन्हें यहां विजिट कराकर उनके द्वारा उनके देश के अधिक से अधिक पर्यटकों को यहां आने के लिए आह्वान किया जाएगा। काउंसिल के सीता सखी समिति के संयोजक अराध्या सरस्वती ने कहा कि नारी के सम्मान में मां भगवती की 251 फीट ऊंची भव्य एवं दिव्य प्रतिमा स्थापित की जा रही है। यह नारी सशक्तिकरण का दूसरा उदाहरण है। देश-विदेश में नारियों को आगे बढ़ाने के लिए सखी विद्यालय खोले जाएंगे। मौके पर काउंसिल के राजीव कुमार सिंह, जयकांत सिंह, गजेंद्र सिंह, पितांबर मिश्र, सुभाष झा, विजय झा, भूमि दाता भोला प्रसाद, रामा प्रसाद आदि उपस्थित थे।
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