रक्सौल- सिकंदराबाद एक्सप्रेस में लगेगा नवनीतम तकनीक वाला एलएचबी कोच
रक्सौल-सिकंदराबाद एक्सप्रेस ट्रेन में अब नवनीतम तकनीक वाले एलएचबी (डिब्ब)कोच लगेंगे।
सीतामढ़ी। रक्सौल-सिकंदराबाद एक्सप्रेस ट्रेन में अब नवनीतम तकनीक वाले एलएचबी (डिब्ब)कोच लगेंगे। इसके लिए मंडल प्रशासन ने मुख्यालय की मांग पर अपनी सहमति दे दी है। सब कुछ ठीक रहा तो नए वर्ष से इस ट्रेन में एलएचबी कोच डिब्बे दौड़ने लगेगी। इससे स्लीपर क्लास के अलावा एसी-3, ऐसी-2 और ऐसी फस्ट में सीटों की संख्या भी बढ़ जाएगी। अभी जयनगर से चलने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस ट्रेन, दरभंगा से चलने वाली पवन एक्सप्रेस ट्रेन और सहरसा से चलने वाली पुरवैया एक्सप्रेस ट्रेन में ही एलएचबी कोच लगी है। रेल अधिकारियों के अनुसार एलएचबी कोच लग जाने से ट्रेन की औसत स्पीड 160 से 200 किलो मीटर की हो जाएगी। जबकि आईसीएफ कोच की स्पीड 70 से 140 किलो मीटर प्रति घंटा की होती है। इस स्पीड पर ये दोनों कोच
सुरक्षित तरीके से दौड़ती है। साधारण कोच माइल्ड स्पीड से बने होते है जो ज्यादा झटके नहीं सह पाते है और दुर्घटना का कारण बन जाते है। एलएचबी का व्हील बेस साधारण कोच के मुकाबले छोटा होता है। जो स्पीड होने पर भी डिब्बे को सुरक्षित रखता है। इससे दुर्घटना होने का चांस कम हो जाता है।
बताया जाता है कि हादसे होने पर इस एलएचबी कोच से लैस ट्रेन का डब्बा एक दूसरे पर न चढ़ता है ना ही घुस पता है। जिससे जन माल का कम नुकसान होता है। ट्रेन चलने के दौरान होने वाली आवाज भी 40 फीसद कम हो जाती है।
साधारण बोगी के स्लीपर कोच में कुल 72 सीट होती है। जबकि एलएचबी कोच में सीटों की संख्या 80 होगी। इसके अलावा एसी थ्री के आम बोगी में 64 सीट के जगह एलएचबी कोच के थ्री एसी में 72 सीट, एसी टू में 48 के जगह 54 और ऐसी फस्ट में 20 के जगह 24 सीटें होती है। ट्रेन के बोगी में सीट अधिक होने से अधिक यात्री सीट पर बैठकर सफर कर पाएंगे। मंडल रेल प्रबंधक आरके जैन ने बताया कि रक्सौल - सिकंदराबाद एक्सप्रेस ट्रेन लंबी दूरी की है। ट्रेन में एलएचबी कोच लगाने से सफर के दौरान यात्रियों को सुविधा मिलेगी। कहा कि कोच उपलब्ध होते ही उसे इस ट्रेन में लगा दिया जाएगा। मंडल के विभिन्न स्टेशनों से रोजाना 195 ट्रेन चलती है। इसमें से अब तक सिर्फ तीन ट्रेनों में ही एलएचबी कोच लगी है।