रेलवे स्टेशन परिसर में अराजकता का माहौल, सजता मीना बाजार व लगते भाड़े के वाहन
दरभंगा-नरकटियागंज रेलखंड का एक मात्र मॉडल स्टेशन सीतामढ़ी है। बावजूद रेलवे की जमीन पर अघोषित रूप से प्राइवेट बस स्टैंड स्टेशन के विचरण क्षेत्र में जीप और टेंपो स्टैंड चल रहे हैं मीना बाजार भी सज रहा है। यह सब बगैर कागजी प्रक्रिया के बेखौफ चल रहा है।
सीतामढ़ी । दरभंगा-नरकटियागंज रेलखंड का एक मात्र मॉडल स्टेशन सीतामढ़ी है। बावजूद रेलवे की जमीन पर अघोषित रूप से प्राइवेट बस स्टैंड, स्टेशन के विचरण क्षेत्र में जीप और टेंपो स्टैंड चल रहे हैं, मीना बाजार भी सज रहा है। यह सब बगैर कागजी प्रक्रिया के बेखौफ चल रहा है। आम लोगों की परेशानियों से रेल प्रशासन बेखबर-बेफिक्र बना है। बीते कुछ माह से अवैध तरीके से मेहसौल गुमटी संख्या 56ए के नजदीक रेलवे यार्ड से निकलने वाली सड़क पर अघोषित रूप से प्राइवेट बस स्टैंड चल रहा है। जिसकी खोज-खबर लेने वाला कोई नहीं है। यहां अक्सर जाम लगा रहता है। एक तरफ मेहसौल गुमटी को लेकर लोग जाम से परेशान हैं तो अवैध रूप से बस स्टैंड के कारण आने-जाने वालों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्थानीय मो. सकील, मो न्याजुद्दीन, मो. अतीक का कहना है कि यह स्टैंड स्थानीय रेल प्रशासन की मेहरबानी की देन है। रेलवे स्टेशन कैंपस तो मानो दबंगों के हाथ गिरवी पड़ा है। रेलवे स्टेशन के विचरण क्षेत्र में मीना बाजार सजने से आसामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। इस मीना बाजार में प्रतिबंधित लॉटरी के साथ जुए का धंधा भी चलता है। टैक्सी स्टैंड में उचक्कों, पॉकेटमारों व बदमाशों का जमावड़ा रहता है। पर्व के समय परदेश से कमाकर घर लौट रहे मजदूरों व अन्य यात्रियों को निशाना बनाते हैं। मोटे तौर पर लोग यहीं बताते हैं कि रेलवे स्टेशन लूट-खसोट का अड्डा बना हुआ है। स्टैंड गैरकानूनी नहीं, वहां की गतिविधियां जरूर संदेहास्पद
स्टेशन परिसर में वाहनों का स्टैंड वैध जरूर है लेकिन, यात्रियों को वहां से ढोना, तथा कोविड प्रोटोकाल का उल्लंघन करना कानूनन अपराध है। रेलवे स्टेशन परिसर में चोरी-पाकेटमारी की घटनाएं वाकई चिताजनक हैं। इसको लेकर जीआरपी ही उत्तरदायी है। राजकीय रेल पुलिस को इसपर संज्ञान लेने के लिए अक्सर कहा जाता है। बावजूद, आये दिन तमाम तरह की घटनाएं सामने आती हैं। आरपीएफ को भी इसपर ध्यान देना चाहिए।