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बिहार लिबरेशन टाइगर्स आर्मी का स्वयंभू कमांडर सर्वेश दास मारा गया, घर से बुलाकर दोस्तों ने भून डाला

बिहार में अपराधी बेखौफ हैं। सीतामढ़ी में अपाचे बाइक पर आए दो अपराधियों ने बिहार लिबरेशन टाइगर्स आर्मी का स्वयंभू कमांडर सर्वेश दास पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। इसके बावजूद दास ने भागकर जान बचाने की कोशिश भी की लेकिन पंद्रह फीट से अधिक नहीं भाग सका। सभी गोलियां उसके सिर में ही लगीं। नतीजतन उसकी सूरत पहचान के लायक भी नहीं बच सकी। सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई।

By Mukesh KumarEdited By: Yogesh SahuUpdated: Sat, 24 Jun 2023 11:34 PM (IST)
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बिहार लिबरेशन टाइगर्स आर्मी का स्वयंभू कमांडर सर्वेश दास मारा गया, घर से बुलाकर दोस्तों ने भून डाला
रुन्नीसैदपुर (सीतामढ़ी), संवाद सहयोगी। बिहार लिबरेशन टाइगर्स आर्मी का स्वयंभू कमांडर सर्वेश दास शनिवार देर शाम रुन्नीसैदपुर में अपने घर से कुछ ही दूरी पर मारा गया।

उसके साथियों ने ही उसको घर से बुलाकर गोलियों से भून डाला। जेल के अंदर और बाहर रहते हुए भी आतंक का पर्याय समझा जाने वाला कुख्यात सर्वेश दास के गैंगवार में मारे जाने की सूचना के साथ ही जिले में हड़कंप मच गया।

पुलिस-प्रशासन तुरंत अलर्ट मोड में आ गया। 2019 में वह पुलिस के हत्थे चढ़ा था। अभी चार माह पूर्व वह जमानत पर बाहर आया था।

एसडीपीओ सदर सुबोध कुमार ने सर्वेश दास की हत्या की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि उसके गैंग के शूटराें ने ही उसको घर से बुलाकर गोली मार दी।

एसडीपीओ के अनुसार सिर में गाेली मारी गई, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। उसे कितनी गोलियां लगी हैं, इस बात की पुष्टि पोस्टमार्टम के बाद ही हो सकेगी।

हालांकि, गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका गूंज उठने की बात कही गई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, शनिवार की देरशाम सर्वेश अपने गांव माधोपुर सुल्तान अपने गांव में घर के दरवाजे पर बैठा हुआ था।

इसी बीच एक अपाचे बाइक पर दो अपराधी आए। उन लोगों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। बावजूद सर्वेश ने भागकर जान बचाने की कोशिश भी की, लेकिन पंद्रह फीट से अधिक नहीं भाग सका।

सभी की सभी गोलियां उसके सिर में ही लगीं। नतीजतन उसकी सूरत पहचान के लायक भी नहीं बच सकी। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष विजय कुमार यादव दलबल के साथ तुरंत पहुंच गए।

इसके बाद बड़े अधिकारी भी पहुंचे। शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल सीतामढ़ी भेज दिया गया है। एसडीपीओ सदर सुबोध कुमार के अनुसार, यह दो दर्जन से ज्यादा आपराधिक वारदातों में शामिल रहा है।

उनमें हत्या के भी सात-आठ केस दर्ज हैं। रंगदारी वसूलने में यह नंबर वन था। जेल के अंदर या बाहर रहते हुए उसने पुलिस व प्रशासन को परेशान कर रखा था।

सितंबर 2022 में तो यहां तक बात आई कि जेल के अंदर ही उसकी जबरदस्त पिटाई हुई। हालांकि, आरोप उसने जेल प्रशासन पर मढ़ दिया था।

मार्च, 2020 में सर्वेश दास के घर पर बम विस्फोट और फायरिंग की गई थी। हालांकि, तब वह जेल में बंद था। इस प्रकार, दूसरे गुटों ने अपने दबदबा व दहशत के लिए यह कदम उठाया था।

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