Bihar News: सीड हब बनेगा बिहार का सीतामढ़ी, 3.5 लाख किसानों को होगा फायदा; दूसरे राज्य पर निर्भरता होगी खत्म
कृषि विभाग चतुर्थ कृषि रोडमैप के तहत सीतामढ़ी को सीड हब बनाने की योजना बना रहा है। इसका उद्देश्य बीज के मामले में जिले को आत्मनिर्भर बनाना है। इससे जिले के छोटे-बड़े करीब साढे़ तीन लाख किसानों को लाभ होगा। सीड हब बनाने के लिए पहले चरण में 17 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी। किसान अपनी जमीन पर गेहूं दलहन और तिलहन के बीज तैयार करेंगे।
By Kumar KanahaiEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 15 Nov 2023 10:04 PM (IST)
कुमार कन्हाई गौरव, सीतामढ़ी। चतुर्थ कृषि रोडमैप के तहत सीतामढ़ी को सीड हब बनाने की योजना है। कृषि विभाग इसकी तैयारी कर रहा है। इसका उद्देश्य बीज के मामले में जिले को आत्मनिर्भर बनाना है। इससे जिले के छोटे-बड़े करीब साढे़ तीन लाख किसानों को लाभ होगा।
अभी तक किसान बीज के लिए बीज निगम, बाजार तथा अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, बंगाल आदि पर निर्भर हैं। सीड हब बनाने के लिए पहले चरण में 17 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी। किसान अपनी जमीन पर गेहूं, दलहन और तिलहन के बीज तैयार करेंगे।
इसके लिए विभाग किसानों को प्रोत्साहित करेगा। अलग-अलग बीज के लिए किसानों का समूह बनाया जाएगा। सीड तैयार करने के लिए समूह को 80 प्रतिशत अनुदान भी दिया जाएगा।
जरूरत पड़ने पर किसानों को तीन साल तक सहायता राशि (रिवाल्विंग फंड) भी दी जाएगी। बाद में किसानों को सहायता राशि लौटानी होगी। अगले साल तक काम पूरा होने का अनुमान है।
पीपीपी मोड में होगी बीज की खेती
योजना के तहत पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में बीज की खेती होगी। इसमें किसान व बीज उत्पादक कंपनी कलस्टर बना कर बीज के लिए खेत तैयार करेंगे। बीज उत्पादक कंपनी किसानों को मिट्टी के अनुकूल फसलों के लिए प्रेरित करेगा।मौसम, सुखाड़ व बाढ़ को नजर रखते हुए इस पर काम होगा। ताकि प्राकृतिक आपदा के समय बीज बर्बाद न हो, अगर हो भी तो कम से कम हो।उत्पादित बीज निगम के द्वारा ही जिले के किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
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बीज के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) के विज्ञानी का चयन किया जाएगा। कृषि वैज्ञानिक रामेश्वर प्रसाद ने बताया कि स्थानीय स्तर पर बीज के उत्पादन बढ़ने स्थानीय किसान को काफी लाभ होगा। यहीं के जलवायु में पनपा हुआ बीज अगर यहीं पर लगाया जाए तो प्राकृतिक तौर पर किसानों को लाभ मिलेगा। बीज उत्पादन कार्यकाल में कई एक्सपर्ट के देख रेख में खेती से बीज के गुणवत्ता बेहतर होगा। साथ ही साथ गुणवत्ता की गहराई से पता भी चल सकेगा।यह भी पढ़ें: Bihar News: दीपावली को महज तीन घंटों में जहरीली हुई मोतिहारी की हवा, चिंताजनक स्थिति में पहुंचा एक्यूआई Madhepura News: गुरुजी भूल रहे ईमानदारी का पाठ, जमकर कर रहे घोटाला, फर्जी शिक्षकों ने 27 लाख की राशि तक निकाल ली थीचतुर्थ कृषि रोडमैप के तहत सीतामढ़ी को सीड हब बनाने की योजना है। अगले पांच साल में इस पर प्रमुखता से काम होगा। पहले चरण में पीपीपी मोड से 17 हेक्टेयर में बीज उत्पादन कराया जाएगा। इसके लिए किसानों को चयन कर प्रशिक्षण किया जाएगा।
ब्रजेश कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी।