देर-सबेर अयोध्या की तर्ज पर सीतामढ़ी भी दुनिया के मानचित्र पर छाएगा : डिप्टी सीएम
सीतामढ़ी। अयोध्या की तरह जानकी जन्मभूमि के विकास के लिए मलाल जता रहे लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं को बिहार सरकार के उप मुखिया होने के नाते डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने आश्वस्त किया है कि इस धरती का विकास भी प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या नगरी की तर्ज पर किया जाएगा।
सीतामढ़ी। अयोध्या की तरह जानकी जन्मभूमि के विकास के लिए मलाल जता रहे लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं को बिहार सरकार के उप मुखिया होने के नाते डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने आश्वस्त किया है कि इस धरती का विकास भी प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या नगरी की तर्ज पर किया जाएगा। जानकी जन्मोत्सव पर पधारे उप मुख्यमंत्री ने जिलेवासियों को इस दिवस विशेष की शुभकामनाएं व बधाई दी। उन्होंने कहा कि अयोध्या की तर्ज पर सीतामढ़ी जिला को भी पर्यटन के क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। धार्मिक व आध्यात्मिक विशेषताओं को अपने अंदर समेटे सीतामढ़ी जिला अपनी उत्कृष्ट व सांस्कृतिक विरासत को लेकर विश्व में विख्यात है। उन्होंने आम लोगों से थोड़ी मोहलत मांगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूर्ववर्ती सरकारों ने भी इस पावन भूमि के विकास के लिए तमाम घोषणाएं कर रखी हैं मगर, अभी तक धरातल पर कुछ खास प्रगति नहीं दिखाई पड़ने से लाखों-करोड़ों लोगों के आस्था के इस स्थल को लेकर मायूसी है। डिप्टी सीएम के साथ पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री सह अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री मो. जमा खान ने समस्त बिहारवासियो को जानकी जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी। उन्होंने भी कहा कि सब के प्रयास से सीतामढ़ी जिले को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर लाया जाएगा। यहां से लौटते ही मुख्यमंत्री से इस सिलसिले में मिलकर ब्लू प्रिट तैयार करने पर चर्चा करने की बात कही। लोक नृत्य व गायन के नाम रहा सीतामढ़ी महोत्सव का दूसरा दिन, आज उदित नारायण नाइट सीतामढ़ी। जानकी जन्मोत्सव के अवसर पर तीन दिवसीय सीतामढ़ी महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार की संध्या प्रिया वेंकटरमण के नृत्य से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज हुआ। घंटेभर की प्रसतुति के बाद नालंदा ग्रुप ने प्रस्तुति दी। उसके बाद पुरुलिया शैली में छऊ नृत्य व निशिता झा का लोक गायन हुआ। 9.30 बजे से छऊ नृत्य की दूसरी टीम की प्रस्तुति हुई। पश्चिम बंगाल के चर्चित पुरुलिया छऊ नृत्य के बारे में कहा जाता है कि यह नृत्य भगवान शिव की पूजा से उत्पन्न हुआ। जिसमें पुरुषों द्वारा भगवान को चित्रित करने के लिए श्रृंगार किया जाता है और इसके बाद तांडव शैली में नृत्य किया जाता है। मुखौटों का आगमन काफी बाद में हुआ। गुरुवार की शाम बालीवुड गायक उदित नारायण की प्रस्तुति का युवा वर्ग बेसब्री से इंतजार कर रहा है। उनकी प्रस्तुति के साथ ही महोत्सव का समापन होगा।