वैसे तो बिहार के कई जिलों में बिना अनुमति के प्राइवेट स्कूलों का संचालन हो रहा है लेकिन इस वक्त सिवान जिले से ज्यादातर मामले सामने आए हैं। शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। अब कोई भी विद्यालय सरकार की ओर से तय मानक के मुताबिक सक्षम प्राधिकार से बिना प्रस्वीकृति प्रमाण पत्र लिए संचालित नहीं होगा।
जागरण संवाददाता, सिवान। शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2011 के तहत अब कोई भी विद्यालय सरकार की ओर से तय मानक के मुताबिक सक्षम प्राधिकार से बिना प्रस्वीकृति प्रमाण पत्र लिए संचालित नहीं होगा।
इसका उल्लंघन करने पर विद्यालय के संचालक से जुर्माना की वसूली का भी प्रावधान पूरी कड़ाई से लागू किया जाएगा। इसको लेकर विभाग की ओर से निजी विद्यालयों को प्रस्वीकृति देने एवं इसकी जांच की रिपोर्ट मांगी है।
कार्रवाई के साथ-साथ आर्थिक दंड का प्रावधान
जिला शिक्षा विभाग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, शिक्षा विभाग द्वारा विकसित ई-संवर्धन पोर्टल पर निजी विद्यालयों द्वारा आवेदन अनिवार्य है। पोर्टल पर निजी विद्यालय द्वारा आवेदन नहीं किया जाएगा, तो विधि सम्मत कार्रवाई के साथ-साथ आर्थिक दंड का प्रावधान है।
शिक्षा विभाग की बिना प्रस्वीकृति के संचालित निजी विद्यालयों पर एक लाख रुपया आर्थिक दंड किया जा सकता है। वहीं दंड लगाए जाने के बावजूद निजी विद्यालय के संचालित होने पर विभागीय आदेश की अवहेलना मानते हुए प्रत्येक दिन 10 हजार रुपये जुर्माना किया जा सकता है।
एक सप्ताह के अंदर लंबित मामलों के निष्पादन का दिया गया है निर्देश
जिले में बिना प्रस्वीकृति प्रमाण पत्र लिए बिना ही संचालित स्कूलों पर शिकंजा कसा जाएगा। इस संबंध में विभाग ने एक सप्ताह के अंदर लंबित मामलों के निष्पादन का निर्देश दिया है।
साथ ही सभी निजी विद्यालयों का भौतिक निरीक्षण करते हुए बिना प्रस्वीकृति प्राप्त किए संचालित विद्यालयों के संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए इसका प्रतिवेदन भी मांगा है। इसके आलोक में सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से उनके क्षेत्र में संचालित निजी विद्यालयों की सूची व जांच प्रतिवेदन मांगा गया है।
इसमें विद्यालय का नाम, पंचायत एवं उसका पूरा पता के साथ ही उसकी प्रस्वीकृति रिपोर्ट दर्ज होगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि सभी विद्यालयों को अब मान्यता लेने से पहले ई-संबंधन पोर्टल पर पंजीयन करवाना होगा।
ई-संवर्धन पोर्टल पर पंजीयन करने के बाद विभागीय जांचोपरांत ही निजी स्कूल को राज्य सरकार से एनओसी व मान्यता मिल पाएगी। इसके बाद ही कोई व्यक्ति या संस्थान क्षेत्र में निजी विद्यालय खोल सकते हैं।
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