Bihar Maha Aarti: बड़ी देवी महाआरती में उमड़ा आस्था का सैलाब, भक्ती में लीन दिखे हजारों श्रद्धालु
सिवान में महाआरती के दौरान आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। आचार्य मंडली द्वारा महाआरती का शुभारंभ किया गया। इस दौरान वाराणसी से पधारे आचार्य मंडली ने बड़ी ज्योत से माता की महाआरती कर अलौकिक छवि प्रस्तुत की। आरती देख वहां उपस्थित श्रद्धालु भावविह्वल हो गए। करीब एक घंटे तक चली महाआरती में मां जगत जननी की आराधना में भक्त लीन दिखे तथा मां के दरबार में नतमस्तक रहे।
By Raghvendra Kumar Nirbahy (Mahrajganj) Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 08 Feb 2024 04:25 PM (IST)
संवाद सूत्र, महाराजगंज (सिवान)। अनुमंडल मुख्यालय के दुर्गा चौक नखास के काली मंदिर परिसर में वार्षिकोत्सव पर आयोजित नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ के आठवें दिन बुधवार की रात मां बड़ी देवी की महाआरती का आयोजन किया गया। आचार्य मनीष तिवारी, आचार्य सोनू तिवारी, अखिलेश तिवारी, अमृत तिवारी, संदीप पांडेय, मंजीत शास्त्री के वैदिक मंत्रोच्चारण से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
आचार्यों के द्वारा पूजन के बाद छप्पन भोग लगाया गया तथा महाआरती का आयोजन किया गया। महाआरती के दौरान आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। आचार्य मंडली द्वारा महाआरती का शुभारंभ किया गया। इस दौरान वाराणसी से पधारे आचार्य मंडली ने बड़ी ज्योत से माता की महाआरती कर अलौकिक छवि प्रस्तुत की।
आरती देख वहां उपस्थित श्रद्धालु भावविह्वल हो गए। करीब एक घंटे तक चली महाआरती में मां जगत जननी की आराधना में भक्त लीन दिखे तथा मां के दरबार में नतमस्तक रहे।
बताते हैं कि बड़ी देवी मंदिर में महालक्ष्मी, महासरस्वती व महाकाली विराजमान हैं। वैष्णो देवी जैसे ही बड़ी देवी की मान्यता है, जिससे पूरा शहर मां की आराधना करने के लिए उमड़ पड़ा। माता की महाआरती के लिए भक्त अपने घरों से सामग्री लेकर मंदिर पहुंचे हुए थे।
भक्ति जीवन की परेशानियों का समाधान है : देवी राधिका
मां बड़ी देवी की महाआरती के बाद पत्रकार नगर में आयोजित प्रवचन में वृंदावन धाम से पधारी बाल ब्रह्मचारी महामंडलेश्वर परशुराम दास त्यागी महाराज की शिष्या कथावाचिका देवी राधिका ने कहा कि भारत उत्सवों का देश है। संस्कार व संस्कृति हमारी पहचान है।उन्होंने कहा कि भागवत कथा मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूरा करता है। यह कल्पवृक्ष के समान है। भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण है और जो कृष्ण हैं वहीं भागवत है। कथावाचिका ने कहा कि भागवत कथा भक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
उन्होंने कहा कि जो साथ जाएगा उसे व्यक्ति छोड़ रहा है, जो यही रह जाएगा उसे अपना रहा है। यानी जिसे अपनाना चाहिए उसे छोड़ रहा है और जिसे छोड़ना चाहिए उसे साथ लेकर चल रहा है। उन्होंने कहा कि भक्ति एक ऐसा उत्तम साधन है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान करता है। साथ ही भक्ति जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करता है।ये भी पढ़ें- नीतीश जी इनकी गुहार सुनिए..! 48 हजार किसानों के सामने सिंचाई का संकट, सहायक नहरें विरान
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