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Bihar Land Registry : रजिस्ट्री बढ़ने से इन्हें हो रहा बंपर मुनाफा, इस जिले में हर दिन लिखवाई जा रही इतनी जमीन

बिहार में नियम बदलने से राहत है। हर दिनों बिहार सरकार को खूब फायदा हो रहा है। बिहार के एक जिले में हर रोज 60-70 रजिस्ट्री हो रही है। कातिब व स्टांप वेंडरों की भी बल्ले-बल्ले हो गई है। गौर करने वाली बात है कि 22 फरवरी से जमाबंदी की अनिवार्यता करने के बाद से जमीनी दस्तावेजों की रजिस्ट्री में काफी कमीं आ गई थी।

By Anshuman Kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Thu, 30 May 2024 12:16 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, सिवान। Bihar Land Registry जमाबंदी की अनिवार्यता को खत्म कर पुराने नियम से जमीन की रजिस्ट्री करने की शुरुआत हो गई है। ऐसे में जिले में अब प्रतिदिन 60 से 70 जमीनी दस्तावेजों की रजिस्ट्री हो रही है। रजिस्ट्री की संख्या बढ़ने से कार्यालय के कर्मियों व पदाधिकारियों में भी खुशी व्याप्त हो गई है।

इससे एक तरफ जहां विभागीय राजस्व में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं कातिब व स्टांप वेंडरों की भी बल्ले-बल्ले हो गई है। गौर करने वाली बात है कि 22 फरवरी से जमाबंदी की अनिवार्यता करने के बाद से जमीनी दस्तावेजों की रजिस्ट्री में काफी कमीं आ गई थी।

इससे पूर्व जहां प्रतिदिन 100 से अधिक जमीनी दस्तावेजों की रजिस्ट्री होती थी। वहीं जमाबंदी की अनिवार्यता करने के बाद से 19 मई तक प्रतिदिन 20 से 25 जमीनी दस्तावेजों का ही निबंधन हो पाता था। यानी जिले में 70 फीसदी तक जमीन की रजिस्ट्री कम हो गई थी। वहीं 20 मई के बाद से अब निबंधन में भी रफ्तार आ गई है।

हाईकोर्ट ने दिया था ये आदेश

इसके साथ ही राजस्व में भी बढ़ोतरी होने लगी है। जिला अवर निबंधक पंकज कुमार झा ने बताया कि फरवरी में जब हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि जिस जमीन का जमाबंदी कायम है, सिर्फ उसी का रजिस्ट्री होगा।

इसके बाद रजिस्ट्री काफी घट गई थी। हालात यह हो गया कि जहां प्रतिदिन 100 से अधिक जमीनी दस्तावेजों की रजिस्ट्री होती थी। वहीं संख्या घटकर 20 से 25 हो गई थी। अब फिर से निबंधन में रफ्तार आने लगी है।

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