एमटेक के लिए 2.50 लाख तो पॉलिटेक्निक के लिए मिलेगा 2 लाख तक का लोन; स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से मिल रही मदद
बिहार सरकार युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 4 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान कर रही है। आईटीआई बीएड पॉलिटेक्निक और एमटेक जैसे पाठ्यक्रमों के लिए ऋण राशि में बदलाव किए गए हैं। अब तक हजारों छात्रों को करोड़ों रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है। कुशल युवा कार्यक्रम के तहत युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, सिवान। सरकार की महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजना के तहत आर्थिक हल युवाओं को बल के अंतर्गत बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए ऋण दिया जा रहा है।
वहीं, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत बच्चों को चार लाख रुपये तक का लोन दिया जा रहा है, ताकि उनकी उच्च शिक्षा मेें किसी तरह की आर्थिक बाधा उत्पन्न ना हो। जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत कई कोर्स के लिए आर्थिक ऋण देने की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है।
इसमें आईटीआई डिप्लोमा कोर्स के लिए दो लाख रुपये तक का लोन मिलेगा। वहीं, बीएड के लिए 2 लाख 90 हजार रुपये, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा के लिए तीन लाख रुपये, जबकि एमटेक के लिए 2 लाख 50 हजार रुपये का ऋण देने का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा अन्य कोर्स के लिए चार लाख तक का स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से ऋण दिया जा रहा है। डीआरसीसी के प्रबंधक भास्कर सिंह ने बताया कि अबतक 12 हजार आवेदकों को ऋण स्वीकृति के पश्चात लगभग 2 अरब 87 करोड़ की राशि वितरित की गई है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना अंतर्गत लगभग 65 हजार लाभुकों के बीच लगभग 91 करोड़ रुपये भत्ता की राशि हस्तांतरित की गई है। जबकि कुशल युवा कार्यक्रम के तहत एक लाख युवा सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
प्रबंधक ने बताया कि योजना के तहत राज्य के बाहर सक्षम प्राधिकार से मान्यता प्राप्त गैर सरकारी अथवा निजी शिक्षण संस्थानों में नामांकित या नामांकन के लिए चयनित वैसे छात्रों को इस योजना का लाभ मिलेगा। जिनके संस्थान को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद नैक द्वारा न्यूनतम एक ग्रेड प्राप्त है।
इसके अलावा संस्थान में संचालित कार्यक्रमों का नेशनल बोर्ड आफ एक्रीडिटेशन यानी एनबीए के द्वारा एक्रीडिटेशन प्राप्त है या फिर भारत सरकार के केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा निर्धारित नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क की रैकिंग प्राप्त है।
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