BPSC शिक्षकों की नियुक्ति के बाद बदलने लगी शैक्षणिक व्यवस्था, स्कूलों में दूर हो रही टीचर्स की कमी
बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित शिक्षकों को अब स्कूलों में पदस्थापित किया जा रहा है। इससे शैक्षणिक व्यवस्था में बदलाव देखने को मिल रहा है। जिन स्कूलों में पहले शिक्षकों की कमी थी वो अब धीरे-धीरे दूर हो रही है। वहीं आने वाले दिनों में बीपीएससी की दूसरे चरण की भर्ती होनी है जिससे स्थिति में और बदलाव देखने को मिलेगा।
जागरण संवाददाता, सिवान। सरकारी विद्यालयों के छात्रों को इंटर में नामांकन के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसको लेकर 2012 में ही उच्च माध्यमिक विद्यालय बनाने की कवायद शुरू हो गई थी। वहीं, 2016 में उच्च विद्यालयों को उत्क्रमित करते हुए उच्च माध्यमिक विद्यालय बनाया गया।
सरकार द्वारा भले ही विद्यालयों को उत्क्रमित करते हुए उच्च माध्यमिक विद्यालय में तब्दील किया गया, लेकिन इन विद्यालयों में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की बहाली नहीं की गई, केवल प्राथमिक व उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति ही की गई।
वहीं, अब बिहार लोक सेवा आयोग के तहत बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली के बाद स्थिति में बदलाव आने की उम्मीद है। इन शिक्षकों को विद्यालय आवंटन सह नियुक्ति सह पदस्थापन पत्र जारी किया जा रहा है। वहीं, पदस्थापन पत्र देने के दो दिनों के अंदर ही उनको योगदान करने के भी निर्देश दिए जा रहे हैं।
ऐसे में अब विद्यालयों की शैक्षणिक व्यवस्था बदली नजर आएगी। वहीं, शिक्षा विभाग का मानना है कि बीपीएससी द्वारा आयोजित दूसरे चरण की शिक्षक बहाली प्रक्रिया के बाद शिक्षकों की कमी भी दूर हो जाएगी।
हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान सहित अन्य विषयों के शिक्षकों की हुई है प्रतिनियुक्ति
जिले में संचालित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी विज्ञान व जीव विज्ञान की कमी थी। साथ ही हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित की कमीं को देखते हुए इन विद्यालयों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इन नवनियुक्त शिक्षकों के योगदान के बाद से विद्यालयों के शैक्षणिक व्यवस्था में बदलाव दिखने लगेगा।