BPSC TRE: 6 नवंबर से शुरू होगा शिक्षकों का इंडक्शन ट्रेनिंग सेशन, जानें किन-किन चीजों का दिया जाएगा प्रशिक्षण
BPSC TRE नवनियुक्त औपबंधिक नियुक्ति प्रपत्र देने के बाद अब उन्हें प्रशिक्षण देने की तैयारी शुरु हो गई है। इसे लेकर शिक्षा विभाग द्वारा शेड्यूल भी तैयार कर लिया गया है। विभागीय निर्देशों के मुताबिक नवनियुक्त शिक्षकों का इंडक्शन ट्रेनिंग छह नवंबर से प्रशिक्षण संस्थान में शुरू किया जाएगा। बता दें कि नवनियुक्त शिक्षकों को सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्कूल आवंटित किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, सिवान। बिहार लोक सेवा आयोग के तहत शिक्षक नियुक्ति में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को औपबंधिक नियुक्ति प्रपत्र देने के बाद अब उन्हें प्रशिक्षण देने की तैयारी शुरु हो गई है।
इसे लेकर शिक्षा विभाग द्वारा शेड्यूल भी तैयार कर लिया गया है। शिक्षकों का इंडक्शन ट्रेनिंग सेशन 6 तारीख से शुरु होने जा रहा है।
विभागीय निर्देशों के मुताबिक, नवनियुक्त शिक्षकों का इंडक्शन ट्रेनिंग छह नवंबर से प्रशिक्षण संस्थान में शुरू किया जाएगा। जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त अथवा अनुमंडल पदाधिकारी समय-समय पर इन प्रशिक्षण संस्थानों में जाएंगे।
ट्रेनी शिक्षकों की उपस्थिति की होगी जांच
जिन-जिन विद्यालयों में अध्यापकों की संख्या बताई जाएगी, उसके अनुसार, विद्यालय अध्यापक प्रशिक्षण में उपस्थित हैं अथवा नहीं, इसकी भी जांच की जाएगी।
वहीं, कितने विद्यालय अध्यापक गायब है और कितने उपस्थित हैं, इसकी भी जानकारी जिले के वरीय पदाधिकरियों द्वारा ली जाएगी।
किस आधार पर होगा पदस्थापन?
स्थापना डीपीओ अवधेश कुमार ने बताया कि नवनियुक्त शिक्षकों को सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्कूल आवंटित किया जाएगा।
किसी शिक्षक को कौन-सा स्कूल आवंटित होगा, इसमें पदाधिकारी की कोई भी भूमिका नहीं होगी। जानकारी के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों के पदस्थापन को प्राथमिकता दी जाएगी।
आधुनिक शिक्षा के गुर सीखेंगे नवनियुक्त शिक्षक
प्रशिक्षण के माध्यम से नवनियुक्त शिक्षक आधुनिक विभागीय गतिविधियों, तकनीकों और कार्यशैली से परिचित होंगे। इसके साथ ही कक्षा शिक्षण के लिए खुद को तैयार कर पाएंगे।
प्रशिक्षण के दौरान उन्हें अनुशासन, व्यवहारिक कक्षा शिक्षण, कक्षा की समस्याएं, छात्रों व अभिभावकों के साथ बातचीत और विचारों के आदान प्रदान, शिक्षा विभाग की उपलब्धियों, वर्तमान शिक्षा स्तर के बारे में जानकारी दी जाएगी।
साथ ही विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों को विभिन्न मनोवैज्ञानिक विधियों के माध्यम से समानता आधारित शिक्षा प्रदान करने के महत्व के संबंध में भी जानकारी दी जाएगी।
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