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उद्योग लगाने के नाम पर 250 लोगों ने हजम कर ली है 1.50 करोड़ से अधिक की राशि, पढ़ें सरकार की अब क्या है तैयारी

बिहार में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 250 से अधिक लोगों ने सरकार के 1.50 करोड़ रुपये से अधिक का दुरुपयोग किया है। ये लोग उद्योग लगाने के लिए राशि लेकर किस्त नहीं चुका रहे हैं। विभाग ने नोटिस जारी किया है और 13 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। योजना में 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है लेकिन इसका दुरुपयोग हो रहा है।

By Anshuman Kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Tue, 15 Oct 2024 04:05 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, सिवान। सरकार द्वारा बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने व स्वरोजगार बनाने को लेकर कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, लेकिन कुछ लोग इन योजनाओं का लाभ गलत तरीके से उठा रहे हैं।

यही कारण है कि उद्योग लगाने के नाम पर जिले के 250 से अधिक लोगों ने सरकार के 1.50 करोड़ से अधिक राशि हजम कर लिए हैं।

मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 में उद्योग धंधे लगाने के लिए विभाग से राशि लेने के बाद भी इन लोगों द्वारा किस्त नहीं चुकता किया गया है। इसको लेकर विभागीय निर्देशानुसार इनको नोटिस जारी किया गया है।

31 लाख 16 हजार 338 रुपये नहीं जमा करने पर 13 लोगों पर प्राथमिकी

पहली किस्त की राशि प्रति उद्यमी चार लाख रुपये यानि कुल 40 लाख रुपये लेकर राशि हजम कर लेने व उद्योग नहीं लगाने वाले 10 लोगों के विरुद्ध पीडीआर एक्ट के तहत सर्टिफिकेट केस किया गया है। जबकि इसमें से 31 लाख 16 हजार 338 रुपये नहीं जमा करने पर 13 लोगों पर प्राथमिकी भी कराई गई है। वहीं शेष बचे लोगों द्वारा भी किस्त चुकता नहीं किया गया है।

50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान

बता दें कि मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के तहत सरकार की ओर से युवा उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक का ऋण मिलता है। इसमें 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है। इसमें शर्त यह है कि सात साल यानी 84 किस्तों में राशि लौटानी होती है।

प्रावधान के अनुसार चयनित लाभुकों को पहली किस्त में उद्योग लगाने के लिए शेड निर्माण, बिजली और सुरक्षा के संसाधन उपलब्ध कराना होता है।

वहीं दूसरी किस्त की राशि मशीन लगाने के लिए दी जाती है। जबकि तीसरी किस्त की राशि लगाई गई मशीन के ट्रायल के बाद कार्यशील पूंजी के तौर पर दी जाती है। ताकि उत्पादन शुरू करने में किसी तरह की परेशानी ना हो। जहां एक ओर कुछ लोगों ने इस योजना का सही फायदा उठाया है। वहीं, दूसरी ओर कुछ लोगों ने सरकार को भारी चपत भी लगा दी है। 

क्या कहते हैं जिम्मेदार

योजना में ऋण प्राप्त उद्यमी अपना किस्त ससमय जमा करें एवं जमा की गई राशि की पावती की प्रति जिला उद्योग केंद्र कार्यालय में जमा करें। अन्यथा नियमानुसार कार्रवाई करते हुए पीडीआर अधिनियम के तहत सूद समेत ऋण की वसूली की जाएगी।-प्रवीर कुमार सिन्हा, महाप्रबंधक, जिला उद्याेग केंद्र

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