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सिवान में पुलिस पर हमला, दो थानाध्यक्ष सहित आधा दर्जन जवान घायल, थाने की कई गाड़ियों को किया क्षतिग्रस्त

Bihar News भगवानपुर थाना क्षेत्र में पुलिस को सूचना मिला थी कि कौड़िया गांव के एक घर में पड़ोस का युवक रोहित घुस आया है। वह घर में गलत नीयत से घुसा है जिसे पकड़ कर पीटा गया है। पुलिस ने घायल को थाने में बंद कर दिया था। इससे उसकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस से नाराज लोगों ने कर्मियों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया।

By Kirti Kumar PandeyEdited By: Aysha SheikhUpdated: Tue, 18 Jul 2023 11:07 AM (IST)
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जख्मी युवक को थाने में बंद करने से मौत, लोगों ने किया प्रदर्शन; गिरफ्तार करने गए पुलिस कर्मी पर हमला

जागरण संवाददात, सिवान : भगवानपुर थाना क्षेत्र में कौड़िया गांव के लोगों ने पुलिस पर हमला किया है। हमले में आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। पुलिस ने युवक (रोहित कुमार) की हत्या के विरोध में प्रदर्शन करने वाले आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए देर रात छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान गांव वालों और छापेमारी टीम के बीच झड़प हो गई।

झड़प में कई लोग हुए घायल

झड़प में थाने में तैनात एएसआई कृष्णा राम का सिर फट गया, जबकि एक जवान रोहतास निवासी दीपक कुमार के गले में धारदार हथियार से वार कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया गया है। घायल दीपक को आनन-फानन में इलाज के लिए पटना रेफर किया गया है।

वहीं, हमला में दारौंदा थाने में तैनात एक होमगार्ड भी घायल हो गया है। झड़प में महाराजगंज इंस्पेक्टर, दारौंदा थाने, गोरेयाकोठी थाने की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। इतना सब होने के बाद सुरक्षा के लिहाज से गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि पुलिस को सूचना मिली थी कि कौड़िया गांव में रोहित कुमार और उसके पड़ोसियों के बीच झड़प हुई है, जिसमें पड़ोसियों ने बंधक बनाकर रोहित कुमार की बेरहमी से पिटाई की है। पड़ोसी हंसनाथ महतो ने 112 नंबर पर पुलिस को सूचना दी कि उनके घर में पड़ोस का युवक रोहित घुस आया है। वह उनके घर में गलत नीयत से घुसा है, जिसे पकड़ कर पीटा गया है।

सूचना पर पहुंची पुलिस की 112 टीम ने युवक को उनके कब्जे से मुक्त तो कराया, परंतु स्थानीय सीएचसी में प्राथमिक उपचार करा थाने की हाजत में बंद कर दिया। उसकी हालत बिगड़ी तो दोबारा उसी सीएचसी में ले गए, जहां के चिकित्सक ने उसे इस बार सदर अस्पताल रेफर कर दिया, परंतु उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

हत्या से आक्रोशित लोगों ने सड़क पर शव रख प्रदर्शन किया। पुलिस व चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगा उपद्रव को उतारू भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। उक्त मामले में कार्रवाई के लिए तीन से चार थाने की टीम देर रात गांव में आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करने गई थी, तभी गांव वालों और छापेमारी टीम के बीच झड़प हो गई।