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Bihar News: पुल के बाद इस समस्या से महाराजगंज के लोग परेशान, विस चुनाव से पहले कर दी बड़ी मांग; ये है मामला

बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बीच महाराजगंज के लोगों ने अलग डिमांड कर दी है। उनकी मांग स्टेशन से जुड़ी है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि लोगों ने जो समस्या बताई है उसके बारे में पहले कर्मचारी भी बड़े अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं निकल सका है।

By Raghvendra Kumar Nirbahy (Mahrajganj) Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 07 Jul 2024 05:06 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

संवाद सूत्र, महाराजगंज (सिवान)। महाराजगंज स्टेशन के नए भवन के उद्घाटन के छह माह बाद भी कार्य शुरू नहीं होने से कर्मियों व यात्रियों को परेशानी हो रही है। कर्मी मजबूरन पुराने व जर्जर भवन में कार्य कर रहे हैं इसके लिए कर्मचारी कई बार उच्च अधिकारियों को गुहार लगा चुके हैं।

स्थानीय कामाख्या नारायण सिंह, संजय सिंह राजपूत, पवन कुमार, मदन प्रसाद, नसरुद्दीनु, गुल महम्मद, पुतुल कुमार आदि ने स्थानीय सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल सहित जीएम, डीआरएम को आवेदन भेजकर शीघ्र नए भवन में कार्य शुरू कराने की मांग की है। अभी स्टेशन के सामने बसे बांसफोरो द्वारा उसे गंदा किया जा रहा है।

करोड़ो रुपये की लागत से बने इस भवन के फर्श के टाइल्स टूट रहे हैं, वहीं पार्क में लगाए गए पौधे सूख रहे हैं। वहीं नए भवन के सामने गंदगी का अंबार लगा है।

पुल को लेकर भी चर्चा में महाराजगंज

बता दें कि महाराजगंज इन दिनों पुल ध्वस्त होने की समस्या को लेकर भी काफी चर्चा में है। महाराजगंज प्रखंड के देवरिया, तेवथा व टेघड़ा में तीन जुलाई को तीन एवं दारौंदा प्रखंड के गरौली में 22 जून को गंडक की छाड़ी (शाखा) पर पुल ध्वस्त होने से ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

ग्रामीणों की दिनचर्या भी प्रभावित हुई है। उन्हें सब्जी, सामान, दवा आदि की खरीदारी करने तथा बच्चों को विद्यालय जाने समेत कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गंतव्य स्थल पर जाने के लिए अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है।

महाराजगंज प्रखंड के देवरिया में पुल ध्वस्त होने से महाराजगंज व दारौंदा प्रखंड के देवरिया, महुआरी,पटेढ़ा, पटेढ़ी, भीखाबांध, बाल बंगरा समेत अन्य गांवों का संपर्क टूट गया। वहीं तेवथा पंचायत के नौतन-सिकंदरपुर के बीच बना पुल पूरी तरह ध्वस्त होने के कारण गौर, गौर रौजा, तेवथा, रतनपुरा, नौतन गांव का संपर्क टूट गया है।

वहीं, थोड़ी दूरी पर टेघड़ा पंचायत में करीब 35 वर्ष पूर्व बना पुल पानी की तेज धारा में बह गया। इस कारण गोहपुर, मिश्रवलिया, बजरहियां, पांडेपुर, खंहौरी, नौतन गांव का संपर्क टूट गया है। इस कारण बच्चों की पढ़ाई तथा कार्य के लिए अपने गंतव्य स्थल पर जाने के लिए काफी दूरी तय करनी पड़ रही है।

इसके पूर्व 22 जून को दारौंदा प्रखंड के रामगढ़ा पंचायत केे गरौली गांव स्थित गंडक नदी की छाड़ी (शाखा) पर बना करीब 33 वर्ष पुराना पुल ध्वस्त होने से करीब एक दर्जन गांवों के लोगों के समक्ष छोटी-बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है।

बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा असर

ग्रामीणों के अनुसार, पुल के ध्वस्त होने से बच्चों की पढ़ाई, चिकित्सकीय सेवा, सब्जी बेचने एवं खरीदने आदि की समस्या हो गई है। ग्रामीणों के अनुसार गरौली, मर्दनपुर, रामगढ़ा, खेदू छपरा आदि गांवों के करीब दो सौ से अधिक बच्चे पटेढ़ी उच्च विद्यालय एवं कोचिंग सेंटर में पढ़ने जाते हैं।

पुल ध्वस्त होने के बाद कुछ बच्चे करीब एक किलोमीटर दूर रामगढ़ा- देवरिया पुल होकर करीब पांच किलोमीटर दूरी तय कर गए थे। ऐसे में अधिकांश लोग अपने बच्चों को इतनी दूरी पढ़ने के लिए भेजना नहीं चाहते हैं।

वहीं रामगढ़ा-देवरिया पुल के किनारे सड़क पर छोटे- छोटे गड्ढे हैं जो काफी खतरनाक है जो अंधेरे में सावधानी नहीं बरतने पर बड़ा हादसे के शिकार हो सकते हैं।

ग्रामीणों को जरूरत की चीजों के लिए इस पुल से होकर पटेढ़ा बाजार जाना पड़ता है, लेकिन पुल ध्वस्त होने से पटेढ़ी, देवरिया, महाराजगंज, भगवानपुर हाट आदि जाने के लिए रामगढ़ा- देवरिया पुल पार कर करीब पांच किलोमीटर दूरी तय कर जाना पड़ रहा है। 

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