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Siwan Bridge News: रामगढ़ा में पुल ध्वस्त होने से बच्चों की पढ़ाई समेत अन्‍य कामकाज प्रभावित, 33 साल पुराना था ब्रिज

Bihar News स‍िवान जिले में रामगढ़ा पंचायत के गरौली गांव स्थित गंडक नदी की शाखा पर बना 33 साल पुराना पुल शनिवार सुबह मिट्टी कटाव के कारण धराशायी हो गया। शनिवार को पुल ध्वस्त होने के बाद कुछ बच्चे रामगढ़ा- देवरिया पुल होकर करीब पांच किलोमीटर दूरी तय कर गए थे। ऐसे में अधिकांश लोग अपने बच्चों को इतने दूर पढ़ने के लिए भेजना नहीं चाहते हैं।

By Prasan Kumar (Daraunda) Edited By: Prateek Jain Updated: Sun, 23 Jun 2024 04:54 PM (IST)
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गरौली गांव स्थित गंडक नदी की छाड़ी पर बना पु‍ल हुआ ध्‍वस्‍त।
संंवाद सूत्र, दारौंदा (सिवान)। Siwan News: प्रखंड के रामगढ़ा पंचायत के गरौली गांव स्थित गंडक नदी की छाड़ी (शाखा) पर बना करीब 33 वर्ष पुराना पुल शनिवार की अल सुबह पानी की तेजधार एवं मिट्टी कटाव के कारण ध्वस्त हो गया। इस कारण करीब एक दर्जन गांवों के लोगों के लिए कई प्रकार के छोटी-बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई।

ग्रामीणों के अनुसार, पुल के ध्वस्त होने से बच्चों की पढ़ाई, चिकित्सकीय सेवा, सब्जी बेचने एवं खरीदने आदि की समस्या हो गई है। ग्रामीण शत्रुघ्न प्रसाद ने बताया कि गरौली, मर्दनपुर, रामगढ़ा, खेदू छपरा आदि गांवों के करीब दो सौ से अधिक बच्चे पटेढ़ी उच्च विद्यालय एवं कोचिंग सेंटर में पढ़ने जाते हैं।

शनिवार को पुल ध्वस्त होने के बाद कुछ बच्चे रामगढ़ा-देवरिया पुल होकर करीब पांच किलोमीटर दूरी तय कर गए थे। ऐसे में अधिकांश लोग अपने बच्चों को इतने दूर पढ़ने के लिए भेजना नहीं चाहते हैं।

ग्रामीण कमल प्रसाद ने बताया कि रामगढा-देवरिया पुल के किनारे सड़क पर छोटे छोटे गड्ढे हैं जो काफी खतरनाक है अंधेरे में सावधानी नहीं बरतने पर बड़ा हादसे के शिकार हो सकते हैं।

ग्रामीण साधु सिंह, वीर बहादुर साह, कपिलदेव प्रसाद, जयप्रकाश सिंह ने ध्वस्त पुल का निर्माण कराने तथा तत्काल प्रशासन से अस्थाई पैदल आने-जाने के लिए व्यवस्था कराने की मांग से की है।

प्रशासन ने ध्वस्त पुल के दोनों तरफ बांस बल्ली से कराई बैरिकेडिंग

पुल ध्वस्त होने के बाद सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए दारौंदा पुलिस टीम कैंप कर रही है। यहां दारौंदा थाना के अनि विजय कुमार के नेतृत्व में चार- एक की पुलिस बल तैनात किया गया है जो हर गतिविधियां पर नजर रखी हुई है।

वहीं ग्रामीणों का कहना है कि जबतक आने जाने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होगा तब-तब ग्रामीणों को पढ़ाई, खेती, व्यवसाय, दवा, सब्जी से लेकर हर छोटी-बड़ी जरूरत की सामानों के लिए परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को जरूरत की चीजों के लिए इस पुल से होकर पटेढ़ा बाजार जाना पड़ता है, लेकिन पुलिस ध्वस्त होने से पटेढ़ी, देवरिया, महाराजगंज, भगवानपुर हाट आदि जाने के लिए रामगढ़ा-देवरिया पुल पार कर करीब पांच किलोमीटर दूरी तय कर जाना पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने बताया कि यह पुल करीब 33 वर्ष से अधिक पुराना था। 1989-91 में तत्कालीन विधायक उमाशंकर सिंह एवं ग्रामीणों के सहयोग से बनाया गया था। कुछ माह से लगातार गंडक नदी की साफ- सफाई लगातार बड़े पैमाने पर चल रही थी। इस क्रम में पुल के खंभा के समीप मिट्टी का कटाव होने तथा पानी की तेज धारा के कारण पुल ध्वस्त होने गया है।

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