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नीतीश बाबू के 'चौकीदार' ही निकले शराबी: सिवान में शराबियों पर नकेल कसने वाला खुद मृतकों में शामिल

Siwan Alcohol Death बिहार में जहरीली शराब का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ सारण में जहां मृतकों की संख्या 55 पहुंच गई है तो वहीं सिवान में शुक्रवार को पांच लोगों की जहरीली शराब से मौत हो गई। इनमें गांव का चौकीदार भी शामिल है।

By Kirti Kumar PandeyEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Fri, 16 Dec 2022 02:03 PM (IST)
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सिवान में जहरीली शराब से हुई पांच लोगों की मौत में ब्रह्मस्थान का चौकीदार भी शामिल
सिवान, जागरण संवाददाता। सिवान के भगवानपुर प्रखंड के ब्रह्मस्थान में शुक्रवार को जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई। जिन पांच लोगों की मौत हुई उनमें दो भाई भी शामिल हैं और एक मृतक अवध मांझी गांव का चौकीदार था। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि नीतीश कुमार की सरकार ने जिनके कंधों पर शराब बिक्री को रोकने और शराबबंदी कानून को कठोरता से लागू करवाने का जिम्मा दिया है, वो ही नियम-कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। अवध मांझी की मौत के बाद इस बात पर मुहर लग गई कि पुलिस की नाक के नीचे शराब की बिक्री जमकर चल रही थी।

गांव के लोगों ने बताया कि अवध मांझी स्थानीय थाना की मिलीभगत से गांव और बार्डर एरिया में शराब की बिक्री करवाता था। शराब का सेवन उसने कहां से किया इसको लेकर ना तो स्वजन ही कुछ बोलने को तैयार थे और ना ही गांव के लोग कुछ बता रहे हैं। हालांकि, चौकीदार अवध मांझी की मौत के बाद पुलिस पूरी तरह से बैकफुट पर आ गई है और कुछ भी बोलने से कतराते हुए नजर आई। 

गोरखपुर में इलाज के क्रम में हुई मौत 

बता दें कि भगवानपुर प्रखंड जिले का सीमावर्ती क्षेत्र है और इस प्रखंड के कई गांव छपरा की सीमा से जुड़े हैं। वहीं छपरा के मढ़ौरा में हुए शराब कांड की आंच से इस घटना को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। गांव के लोगों के अनुसार, अवध मांझी और उसके चचेरे भाई आमीर मांझी ने गुरुवार की दोपहर तीन बजे कहीं से शराब का सेवन किया और घर आए। घर आने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद दोनों भाई बाइक पर सवार होकर सदर अस्पताल पहुंचे जहां से दोनों को रेफर कर दिया गया। इलाज के लिए अवध मांझी गोरखपुर चला गया और आमीर मांझी घर आ गया। इसी बीच दोनों की शुक्रवार को मौत हो गई।

सब ने साथ में किया था शराब का सेवन

मृत शंभू राय का शव लेकर पोस्टमार्टम को आए गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि सभी ने 14 दिसबंर को शराब का सेवन किया था लेकिन पांचों ने शराब कहां जाकर पी थी इसको लेकर कोई जानकारी नहीं है। गांव में भी चोरी छिपे चार से पांच जगह शराब की बिक्री होती है और पुलिस किसी पर कार्रवाई नहीं करती है। अगर पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई होती तो शायद शराब की बिक्री गांव में नहीं होती और पांच लोगों की मौत नहीं हुई होती। इधर, मृत शंभू राय की पत्नी ने बताया कि शंभू राय ने गांव के बाजार में जाकर शराब का सेवन किया था। इसके बाद उन्हें सिर में दर्द की शिकायत हुई और तबीयत खराब हो गई। इसके बाद स्थानीय अस्पताल में इलाज को भर्ती कराया गया, जहां शुक्रवार की अलसुबह से उन्हें रोशनी की शिकायत हुई। इसके बाद सदर अस्पताल लाया गया जहां इलाज के क्रम में मौत हो गई।

गुठनी शराब कांड में पांच लोगों की से प्रशासन ने नहीं लिया सबक

बता दें कि डेढ़ वर्ष पूर्व सिवान के गुठनी प्रखंड में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हुई थी। यहां भी एक के बाद एक मौत का सिलसिला बढ़ने लगा था। मृत लोगों को पहले आंख से दिखाई नहीं देने और पेट में दर्द के बाद सिर दर्द की शिकायत थी। इस घटना में तत्कालीन एसपी अभिनव कुमार ने तत्कालीन दारोगा और चौकीदार को निलंबित किया था। इस घटना के बाद भी जिले में शराब की बिक्री निरंतर जारी रही और उसका दुष्परिणाम यह हुआ कि शुक्रवार को भगवानपुर प्रखंड के ब्रह्मस्थान गांव में पांच लोगों की मौत जहरीली शराब के सेवन से हो गई।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बिहार के सारण जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत होने की मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया है। मानवाधिकार आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर मामले की रिपोर्ट मांगी है, जिसमें स्थानीय पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी की स्थिति, पीड़ितों का चिकित्सा उपचार और पीड़ित परिवारों को मुआवजा (अगर दी गई हो तो) को लेकर जानकारी शामिल है।

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