Siwan News: उचित देखरेख और तकनीकी खामियों के कारण दम तोड़ रहा ऑक्सीजन प्लांट, पीएम केयर्स फंड के तहत हुआ था इंस्टॉल
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर में ऑक्सीजन की हुई किल्लत के बाद लोगों की जान बचाने के लिए सरकारी अस्पताल में पीएम केयर्स फंड के तहत ऑक्सीजन प्लांट लगा था लेकिन अब इसके अस्तित्व पर ही संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार केवल मात्र मॉकड्रिल की जाती रही है। तकनीकी खामियां आ जाने के कारण प्लांट से आपूर्ति पूरी तरह से बंद है।
जागरण संवाददाता, सिवान। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर में ऑक्सीजन की हुई किल्लत के बाद लोगों की जान बचाने के लिए सरकारी अस्पताल में पीएम केयर्स फंड के तहत ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया था, लेकिन अब इसके अस्तित्व पर ही संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, केवल मात्र मॉकड्रिल की जाती रही है, लेकिन इसमें तकनीकी खामियां आ जाने के कारण प्लांट से आपूर्ति पूरी तरह से बंद है। वहीं एसएनसीयू, ओटी आदि में सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है। जरूरतमंद मरीजों को कंसेंट्रेटर के माध्यम से ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
एक हजार सिलेंडर भरने की क्षमता वाले प्लांट को किया गया था स्थापित
गौर करने वाली बात है कि कोरोना काल में जब ऑक्सीजन के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई थी। ऐसे समय में पीएम केयर्स फंड से सदर अस्पताल में एक हजार व महाराजगंज अनुमंडलीय अस्पताल में 500 सिलेंडर भरने की क्षमता वाले प्लांट को स्थापित किया गया था, लेकिन शुरुआती दौर में तो टेक्नीशियन की प्रतिनियुक्ति नहीं होने के कारण इसका लाभ नहीं मिल पाया था। अब इसमें तकनीकी खराबी आ जाने के कारण यह बंद पड़ा है।क्या कहते हैं जिम्मेदार
ऑक्सीजन प्लांट में तकनीकी समस्या आने के कारण यह बंद हो गया है। इसको ठीक करने के लिए विभाग को जानकारी दी गई है। फिलहाल सिलेंडर के द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। जल्द ही ऑक्सीजन प्लांट को सही करा लिया जाएगा। - डॉ. अनिल भट्ट, सिविल सर्जन, सदर अस्पताल
यह भी पढ़ें -
Bihar School Blast: हाई स्कूल में एक के बाद एक तीन विस्फोट, शिक्षकों और छात्रों में दहशत का माहौल
30 हजार से ज्यादा बच्चों का बाप! बिहार के इस घोलू की कीमत है 10 करोड़ रुपये, एक झलक पाने को लोग बेकरार
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।