बिहार में निजी स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने फिर जारी किया फरमान, 10 अगस्त तक हर हाल में करना होगा रजिस्ट्रेशन
Bihar News बिहार में 10 अगस्त तक सभी निजी स्कूलों को रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने वाले निजी विद्यालयों पर कार्रवाई होगी। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में फरमान जारी किया है। बताया जा रहा है कि सुपौल जिले में कई निजी स्कूल बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे हैं। उनपर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है।
संवाददाता जागरण, सुपौल। बिना रजिस्ट्रेशन के जिले में संचालित हो रहे निजी विद्यालयों के लिए विभाग ने एक और मौका दिया है। ऐसे विद्यालय यदि रजिस्ट्रेशन के लिए 10 अगस्त तक आवेदन नहीं करते हैं तो फिर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों के संचालकों को आगाह करते हुए रजिस्ट्रेशन कराने संबंधी आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर एक लाख रुपये तक जुर्माने की वसूली होगी और ऐसे निजी विद्यालय बंद भी किए जाएंगे। यह कार्रवाई संबंधित जिला प्रशासन के स्तर से होगी।
ऐसे निजी विद्यालय जिसने सरकार के निर्देश देने के बावजूद अब तक अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। ऐसे विद्यालयों को बंद करने संबंधी कार्रवाई करने से पहले उन्हें अंतिम मौका रजिस्ट्रेशन कराने के लिए दिया जा रहा है।
ऐसे निजी विद्यालयों को 10 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन देकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। फिलहाल जिले में मात्र 117 निजी विद्यालय ही रजिस्टर्ड हैं।
प्राथमिक शिक्षा के निदेशक ने क्या दिया निर्देश
जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिए निर्देश में प्राथमिक शिक्षा के निदेशक ने कहा है कि बच्चों के मुक्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 के तहत निजी विद्यालयों की प्रस्वीकृति का प्रावधान किया गया है।इसके तहत सक्षम प्राधिकार से प्रस्वीकृति का प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना निजी विद्यालयों की न स्थापना की जा सकती है और न ही संचालित किया जा सकता है।इस प्रावधान के उल्लंघन की स्थिति में अधिनियम के अंतर्गत दोषी व्यक्ति या संस्था को एक लाख रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है।निर्धारित तिथि के बाद भी विद्यालय संचालित रहने पर प्रत्येक दिन के लिए 10 हजार रुपये जुर्माना किया जा सकता है। इसके लिए निजी विद्यालयों को अंतिम तौर पर 10 अगस्त तक का मौका दिया गया है। इस तिथि तक विद्यालय ई संबंध पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।
इसके बावजूद अगर किसी विद्यालय के द्वारा प्रस्वीकृति के लिए पोर्टल पर आवेदन नहीं किया जाता है तो फिर बिहार राज्य बच्चों के मुक्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली के नियमों के तहत कार्रवाई करने को ले जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है।यह भी पढ़ें-Bihar School News: बिहार के प्राइवेट स्कूलों की बढ़ी आफत, एस सिद्धार्थ लेने जा रहे एक्शन; 3 जिले रडार पर
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