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Bihar Bhumi: भूमि सर्वे में गड़बड़ी? पर्चे में नाम किसी का तो जमीन का ब्यौरा किसी दूसरे का, मालिक परेशान

बिहार भूमि सर्वेक्षण में बड़ी गड़बड़ियां सामने आई हैं। कई रैयतों को गलत पर्चे दिए जा रहे हैं जिनमें नाम किसी और का और जमीन का ब्यौरा किसी दूसरे का है। इससे लोगों में काफी परेशानी और गुस्सा है। रैयतों ने जिला प्रशासन से इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। भू-सर्वे कार्य में राशि लूट का आरोप भी लगाया गया है।

By Sunil Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 14 Oct 2024 05:10 PM (IST)
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बिहार भूमि सर्वे में गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, सुपौल। पिपरा प्रखंड के कटैया माहे, तुलापट्टी पंचायत स्थित विभिन्न मौजा के रैयतों ने भू-सर्वे कार्य (Bihar Bhumi Survey) में व्यापक गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगाया गया है। रैयतों का आरोप है कि सर्वे बाद अब जब पर्चा बांटा जा रहा है तो इसमें कई तरह की खामियां हैं। स्थिति ये है कि एक तो किसी रैयत की सभी जमीन का पर्चा नहीं है अगर है भी तो पर्चे में नाम किसी का है तो जमीन का ब्यौरा किसी दूसरे का दर्ज है।

जो पर्चा रैयतों को दिया जा रहा है, उसमें यदि खाता खेसरा सही भी है तो इसका रकबा और जमीन की चौहद्दी से मेल ही नहीं खा रहा है। रैयतों का आरोप है कि घर बैठे किए गए सर्वे का ही नतीजा है कि पर्चे में जमीन का ब्यौरा सही दर्ज नहीं है। इससे रैयतों के बीच अफरातफरी का माहौल बना हुआ है।

भू-सर्वे कार्य में राशि लूट का आरोप भी लगाया गया है। सोमवार को उक्त पंचायत के दर्जनों रैयतों ने कटैया गोठ स्थित एक दरवाजे पर बैठक कर गलत तरीके से भू-सर्वे का कार्य किए जाने की शिकायत करते हुए जिला प्रशासन से इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। जांच नहीं होने पर लोगों ने प्रखंड मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक प्रदर्शन करने का अल्टीमेटम भी दिया है।

पिपरा प्रखंड क्षेत्र की सभी पंचायतों में है इस तरह की परेशानी

हालांकि, यह मामला पिपरा प्रखंड के इन्हीं दो पंचायत का नहीं है, बल्कि सभी पंचायतों में इस तरह की गड़बड़ी की शिकायत लोग कर रहे हैं। बताते चलें कि उक्त प्रखंड में पिछले करीब तीन वर्षों से जमीन सर्वे का काम किया जा रहा है। सर्वे उपरांत कटैया माहे पंचायत में अब रैयतों के बीच पर्चा बांटा जा रहा है। रैयतों से 18 अक्टूबर तक आपत्ति मांगे गए हैं।

इधर, अधिकांश लोगों को अब तक पर्चा भी मुहैया नहीं कराया गया है। जिन्हें दिया भी गया है तो उसमें इतनी खामियां हैं कि रैयतों के होश उड़े हुए हैं। लोगों का कहना है कि अगर किसी के पास पांच एकड़ जमीन है तो उनमें से पांच कट्ठा जमीन का पर्चा उन्हें थमा दिया गया है। पर्चा पर नाम किसी और का दर्ज है और जमीन का खाता खेसरा किसी और का है।

इसके अलावा, अगर किसी का खाता और खेसरा सही है तो फिर इसका रकबा और चौहद्दी ही मिलान नहीं खा रहा है। जिस अमीन से जमीन का सर्वे कराया गया था उसका तबादला कर दिया गया है। नए अमीन को सर्वे की कुछ जानकारी ही नहीं है। परिणाम है कि आनन-फानन में त्रुटिपूर्ण पर्चा लोगों के हाथों थमा दिया जा रहा है। गड़बड़ी का आलम है कि एक खेसरा को कई भागों में बांट दिया गया है।

व्यवस्था से नाराज हैं रैयत

टैया पंचायत के पैक्स अध्यक्ष अनिल कुमार ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार के भूमि सुधार राजस्व मंत्री के निर्देशानुसार सर्वे कर्मियों को घर-घर जाकर रैयतों की जमीन से जुड़े दस्तावेजों का सत्यापन करना था परंतु सर्वे कर्मी द्वारा ऐसा नहीं किया गया। किसी व्यक्ति विशेष से जानकारी लेकर कार्य की खानापूरी कर दी गई।

कई भाईयों के बीच जमीन की शेयरदारी के मामले में एक भाई से कागजात लेकर ही सर्वे कार्य किया गया है। सर्वे कर्मी ने अन्य भाईयों से संपर्क ही नहीं किया। परिणाम है कि अब जब रैयतों के बीच पर्चा बांटा जा रहा है तो इसमें कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही है। - लक्ष्मीकांत भारती, पूर्व मुखिया, तुलापट्टी पंचायत

बैठक में नवीन कुमार, पिंकू प्रभात रंजन, हरि नारायण यादव, सूर्य नारायण मंडल, सुरेश कुमार, महेंद्र प्रसाद यादव, अरुण कुमार अनमोल कुमार ,मुक्ति प्रसाद यादव, दिलीप कुमार यादव, भूपेंद्र यादव, राजेंद्र प्रसाद, वीरेंद्र साह, गणेश राम संत राम समेत बड़ी संख्या में रैयत उपस्थित थे।

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